भारतीय खिलाड़ी दीपक भोरिया (51 किग्रा) और नरेंद्र बेरिवाल (92 किग्रा से अधिक) को विश्व ओलंपिक मुक्केबाजी के शुरुआती क्वालीफायर के पहले दिन रविवार को यहां शुरुआती दौर में हार का सामना करना पड़ा।
विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता दीपक को अजरबैजान के हुसेनोव निजात ने 3-2 के खंडित फैसले से हराया जबकि नरेंद्र को जर्मनी के नेल्वी टियाफैक ने 5-0 के एकतरफा फैसले से हराया।
वहीं जो मुक्केबाज कोटा हासिल करने में असफल रहेंगे, उन्हें 23 मई से तीन जून तक बैंकॉक में होने वाले दूसरे विश्व ओलंपिक मुक्केबाजी क्वालीफायर के दौरान पेरिस खेलों के लिए अपनी जगह बनाने का एक और मौका मिलेगा।
भारतीय टीम में 2019 विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता अमित पंघाल को पछाड़कर जगह बनाने वाले दीपक और हुसेनोव के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला क्योंकि दोनों मुक्केबाजों ने शुरू से ही आक्रामक रूख अपनाया।
अजरबैजान के युवा मुक्केबाज ने अपनी गति और तेज मुक्कों से दीपक को परेशान किया।
दीपक पहले और दूसरे दोनों चरण में 2-3 के समान स्कोर के साथ हार गए।
भारतीय मुक्केबाज ने अंतिम तीन मिनट में जोरदार प्रदर्शन किया। वह इस चरण को 4-1 से जीतने में सफल रहे लेकिन यह उन्हें मुकाबला जीताने के लिए काफी नहीं था।
नरेंद्र जर्मनी के खिलाड़ी के खिलाफ पूरे मुकाबले के दौरान जूझते दिखे।
इस स्पर्धा से मुक्केबाजों के पास 49 ओलंपिक कोटा सुनिश्चित करने का मौका होगा। इसमें 28 पुरुष और 21 महिलाओं का कोटा है।
भारतीय मुक्केबाज अब तक पेरिस ओलंपिक के लिए चार कोटा हासिल कर चुके हैं। इसमें निकहत जरीन (50 किग्रा), प्रीति पावर (54 किग्रा), परवीन हुड्डा (57 किग्रा) और लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) का नाम शामिल हैं।