Prabhasakshi Exclusive: Gaza में अब बम और गोलियों से ही नहीं बल्कि भूख-प्यास से भी जा रही है लोगों की जान

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि गाजा के हालात पर चिंता सब जता रहे हैं लेकिन कोई कुछ कर नहीं पा रहा है। हमने जानना चाहा कि इजराइल-हमास संघर्ष अब किस दिशा में आगे बढ़ता दिख रहा है? उन्होंने कहा कि यह संघर्ष दिखा रहा है कि मानवाधिकारों की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले देश कैसे अमानवीय कृत्यों पर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इजराइल और हमास के बीच युद्ध में मरने वाले फिलस्तीनियों की संख्या 30,000 के पार चली गयी है। उन्होंने कहा कि देखा जाये तो यह बड़ा आंकड़ा है लेकिन किसी का ध्यान इस ओर नहीं है। उन्होंने कहा कि इसका एक कारण यह भी है कि इस साल दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में चुनाव हैं इसलिए राजनीतिक दल चुनावों की तैयारियों में जुटे हुए हैं और इजराइल गाजा के बाद अब रफा में आगे बढ़ता जा रहा है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि गाजा में संघर्ष बेहद चिंता का विषय है और इससे उत्पन्न मानवीय संकट के लिए एक स्थायी समाधान की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने सात अक्टूबर को हमास द्वारा इजराइल पर किए गए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवाद और बंधक बनाना भी अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि संघर्षों से उत्पन्न होने वाले मानवीय संकटों के लिए एक स्थायी समाधान की आवश्यकता होती है जो सबसे अधिक प्रभावित लोगों को तत्काल राहत दे। उन्होंने कहा कि साथ ही, हमें स्पष्ट होना चाहिए कि आतंकवाद और बंधक बनाना अस्वीकार्य है। यह भी कहने की जरूरत नहीं है कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का हमेशा सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन मुद्दे का दो-राज्य समाधान होना चाहिए और देखना चाहिए कि संघर्ष क्षेत्र के भीतर या बाहर न फैले।

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि गाजा में अब भूख से मौतें होने लगी हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की एक मानवीय एजेंसी ने कहा है कि उसकी एजेंसियों को गाजा तक प्रवेश से वंचित किया जा रहा है और सहायता ले जा रहे वाहनों पर अक्सर गोलीबारी होती रहती है। उन्होंने कहा कि गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि उत्तरी गाजा के कमाल अदवान और अल-शिफा अस्पतालों में छह बच्चों की निर्जलीकरण और कुपोषण से मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि यह दर्शा रहा है कि गाजा और फिलस्तीन के अन्य क्षेत्रों में अब बम और गोलियों से नहीं बल्कि भूख और प्यास से भी मौतें होने लग गयी हैं जोकि पूरी दुनिया के लिए शर्म की बात है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इसके अलावा, गाजा में युद्ध और लेबनान के साथ सीमा पर तनाव के बीच इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने जो संकेत दिये हैं वह दर्शा रहे हैं कि इजराइल अब रुकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ही इजराइल को रफा में आगे बढ़ने से समझा कर रोक सकता था लेकिन वहां के नेता राष्ट्रपति चुनावों में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा जिस तरह इजराइल प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू घरेलू राजनीतिक मोर्चे पर घिरे हुए हैं उसको देखकर यही लगता है कि वह हमास नाम की समस्या को खत्म करके ही मानेंगे चाहे इसके लिए इजराइली रक्षा बलों को फिलस्तीन के कितने ही निर्दोष लोगों की जान लेनी पड़े।

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