दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नाबालिग किशोरी को शादी का झांसा देकर साथ ले जाने और उसका दैहिक शोषण किए जाने के मामले में स्पेशल कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया गया है। युवक के दैहिक शोषण से किशोरी गर्भवती भी हो गई थी। इस मामले में कोर्ट ने अभियुक्त को दोषी करार देते हुए विभिन्न अपराधों की धारा के तहत कुल 54 वर्ष के कारावास और 11 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सरिता दास की अदालत में मंगलवार को सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की थी।
मामला खुर्सीपार थाना क्षेत्र का है। क्षेत्र की लगभग 15 वर्ष की किशोरी की गुमशुदगी की शिकायत परिजनों द्वारा पुलिस में दर्ज कराई गई थी। 14 फरवरी 2021 से लापता किशोरी को पतासाजी कर लगभग चार माह बाद पुलिस ने उड़ीसा के सुंदरगढ़ से 21 जून 2021 को यासीन उर्फ यासीम खान के कब्जे से बरामद किया गया था। पूछताछ में किशोरी ने बताया कि यासीन उर्फ यासीम उसे शादी का झांसा देकर साथ ले गया था। इस दौरान झारसुगड़ा, कटिहार और सुंदरगढ़ में अपने साथ रखकर की बार शारीरिक संबंध बनाए।
नाबालिग किशोरी के दिए गए बयान और चिकित्सकीय परीक्षण के आधार पर आरोपी यासीन उर्फ यासीम के खिलाफ कार्रवाई कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। चिकित्सकीय परीक्षण में किशोरी के गर्भवती होने का भी खुलासा हुआ था। पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ प्रकरण विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया।
विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश ने अभियुक्त को यासीन उर्फ यासीम खान (20 वर्ष) को नाबालिग किशोरी को बहला-फुसलाकर साथ ले जाने, शारीरिक संबंध बनाकर गर्भवती करने का दोषी करार दिया। अभियुक्त को दफा 363 के तहत एक वर्ष, 366 के तहत 3 वर्ष, 376 के तहत 10 वर्ष, 376 (3) के तहत 20 वर्ष तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 20 वर्ष के कारावास से दंडित किया गया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। मामले में गिरफ्तारी के बाद प्रकरण पर फैसला आने तक अभियुक्त जेल में ही निरुद्ध हैं।