दुर्ग (छत्तीसगढ़)। किशोरी को प्रेमजाल में फंसा कर बनारस ले जाने और वहां शादी कर दैहिक शोषण करने के आरोपी के खिलाफ स्पेशल कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी को नाबालिग किशोरी को उसके परिजनों की सहमति के बिना साथ ले जाने, छलपूर्वक शादी करने और लगातार शारीरिक संबंध बनाने के अपराध में दोषी करार दिया। अभियुक्त को कुल 26 वर्ष के कारावास तथा 5200 रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) संगीता नवीन तिवारी की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।
मामला सुपेला थाना क्षेत्र का है। नाबालिग किशोरी अपने भाई के घर गांव से 11 मई 2022 को सुपेला आई थी। 18 मई 2022 की दोपहर वह घर से लापता हो गई। जिसकी गुमशुदगी की शिकायत भाई ने पुलिस में की थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर पतासाजी प्रारंभ की और 30 मई को किशोरी को बरामद कर लिया। पूछताछ में किशोरी ने बताया कि मोहल्ले का प्रकाश सोनी (21 वर्ष) उसे शादी का झांसा देकर घर से भगा कर ले गया था।

भिलाई से भागकर दोनों बनारस (उत्तर प्रदेश) पहुंचे। जहां 19 मई को एक मंदिर में प्रकाश ने मांग में सिंदूर भर कर उससे शादी की। जिसके बाद एक मकान किराए पर लेकर दोनों साथ रहने लगे। जहां प्रकाश ने उसके साथ 22 मई से 29 मई तक कई बार शारीरिक संबंध बनाएं।
नाबालिग किशोरी के बयान और चिकित्सकीय परीक्षण करा आरोपी प्रकाश सोनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था। प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया।
विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश ने अभियुक्त प्रकाश सोनी (21 वर्ष) को दोषी ठहराया। अभियुक्त को दफा 366 तथा 496 के तहत 3-3 वर्ष कारावास और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 20 वर्ष के कारावास से अदालत ने दंडित किए जाने का फैसला सुनाया।
