अपराधी को न मिले विवेचना की चूक का लाभ, विवेचकों को प्रशिक्षित करने आईजी ने दिए निर्देश

दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) विवेकानंद ने रेंज के विवेचक अधिकारियों को प्रशिक्षित करने कार्यशाला का आयोजन किए जाने का निर्देश दिया है। मंगलवार को आईजी आफिस में आयोजित अभियोजन अधिकारियों की बैठक में यह निर्देश उन्होंने दिया है। इस दौरान रेंज के सभी जिलों में विवेचना की चूक के कारण अपराधियों को दोष मुक्त किए जाने के मामलों की समीक्षा भी की गई।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। आईजी (दुर्ग रेंज) के निर्देश पर मंगलवार को गुजरात राज्य विरुद्ध किसन भाई व अन्य के मामले की क्रिमनल अपील पर उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के परिपालन में यह बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में न्यायालय से दोषमुक्त प्रकरणों की समीक्षा की गई। बैठक में सभी 5 जिलों के अभियोजन अधिकारी, संयुक्त संचालक, उप संचालक शामिल थे। आईजी ने बैठक में कहा कि जिन प्रकरणों में अदालत द्वारा विवेचक व पैरवी कर्ता के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणियां की गई है। उनकी समीक्षा कर दोष मुक्त प्रकरणों में अपील समय सीमा में की जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी अपराध की विवेचना में हुई चूक का लाभ अपराधी को न मिले इसके लिए कार्यशाला आयोजित कर विवेचकों को प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने सभी अभियोजन अधिकारियों को अपने कार्य क्षेत्र में इस प्रकार की कार्यशाला आयोजित किए जाने के निर्देश दिए।
339 प्रकरणों की हुई समीक्षा
बैठक में अभियोजन अधिकारियों की उपस्थिति में न्यायालय से अपराधियों के दोष मुक्त हुए 339 मामलों की समीक्षा की गई। इनमें दुर्ग जिले के 42, राजनांदगांव के 115, कबीरधाम के 92, बेमेतरा के 58 तथा बालोद जिले के 32 प्रकरण शामिल है।

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