रायपुर (छत्तीसगढ़)। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार आईएएस रानू साहू को फिलहाल जेल में ही रहना होगा। 18 अगस्त तक रिमांड काे बढ़ा दिया गया है। शुक्रवार को साहू को अदालत नहीं लाया गया। वो फिलहाल सेंट्रल जेल में हैं। ईडी ने उन्हें कोल मामले में आरोपी बताया है। शुक्रवार को ईडी ने न्यायधीश अजय सिंह की अदालत में मामला रखा। बचाव पक्ष के वकीलों ने जमानत देने की मांग रखी मगर बात नहीं बनी।
शुक्रवार को ईडी जज के सामने रानू की ओर से जमानत आवेदन पेश किया गया। रानू के वकील ने कहा कि कई बार छापेमारी हो चुकी है, पूछताछ हो चुकी है, राजनीति से प्रेरित होकर जानबूझकर एक अधिकारी को परेशान किया जा रहा है, इसलिए उन्हें जमानत देनी चाहिए। अदालत ने ईडी को अपना तर्क पेश करने के लिए 5 अगस्त शनिवार का वक्त दिया है।
ईडी को मिले अहम सबूतों के मुताबिक रानू साहू करोड़ों रुपए के हेर-फेर में शामिल थीं, फिलहाल मामले की जांच जारी है। रानू साहू को 22 जुलाई को ईडी ने गिरफ्तार किया था। तब वो कृषि विभाग में संचालक के पद पर पदस्थ थीं। अब सरकार ने उन्हें जेल जाने की वजह से सस्पेंड कर दिया है । इससे पहले रानू रायगढ़ जिले की कलेक्टर रह चुकी हैं।
कोल मामले में पहले से ही जेल में बंद कारोबारी सूर्यकांत तिवारी के सहयोगी निखिल चंद्राकर को भी पेश किया गया। इसे भी 18 अगस्त तक न्यायिक रिमांड पर रखे जाने के निर्देश कोर्ट ने दिए।
आईएएस रानू साहू पर आराेप के बारे में ईडी के वकील सौरभ पांडे ने कहा था कि कोल लेवी स्कैम में उनकी गिरफ्तारी की गई है। उनसे पहले भी पूछताछ होती रही है, लेकिन उन्होंने कभी सहयोग नहीं किया। हर बात में डोजिंग आंसर दिया। विटनेस और डॉक्यूमेंट के वैरिफिकेशन के लिए उनसे पूछताछ की जानी थी, लेकिन हर बार यही कहा कि कुछ नहीं मालूम। अब अदालत में दलील दी गई है कि चूंकि रानू प्रभावशाली अधिकारी हैं, जांच में उनका सहयोग नहीं मिल रहा है इसलिए उन्हें छोड़ा जाना ठीक नहीं होगा। यही वजह रही कि अदालत ने फिलहाल उनकी रिमांड को बढ़ा दिया है।