बैंक प्रबंधन व शापिंग कांप्लेक्स विवाद में नया मोड़ आया है। इस विवाद से प्रभावित कलेक्टोरेट पहुंचे। दुकानदारों से कलेक्टर ने कहा कि दुकान खाली कराना या तालाबंदी करना बैंक प्रबंधन का काम है। प्रशासन का काम नहीं है। बैंक प्रबंधन द्वारा प्रशासन की मदद से दुकान खाली कराने का प्रयास किए जाने के विरोध में ये दुकानदार कलेक्टर को पास फरियाद लेकर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने ज्ञापन सौंप कर दुकानों पर तालाबंदी की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पद्मनाभपुर स्थित पटेल कांप्लेक्स की कुर्की को लेकर जारी विवाद कलेक्टोरेट पहुंच गया है। कांप्लेक्स के मालिक दिनेश पटेल व मेहूल पटेल ने इसे बैंक ऑफ बडौदा के पास बंधक रख कर 13 करोड़ रु. का कर्ज लिया है। इस कर्ज की अदायगी नहीं किए जाने पर बैंक प्रबंधन द्वारा कांप्लेक्स की कुर्की की कार्रवाई की जा रही है। मंगलवार को कांम्लेक्स में स्थित दुकान के संचालकों को दो घंटे में दुकान खाली करने का फरमान बैंक प्रबंधन द्वारा जारी कर दिया था। जिसका विरोध दुकानदारों ने किया था। विरोध के चलते तालाबंदी की कार्रवाई नहीं हो पाई थी। इस दौरान जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार व पुलिस बल भी मौजूद था।
दुकानों पर जबरिया पर तालाबंदी को आमदा बैंक
मंगलवार की गई तालाबंदी के इस प्रयास के विरोध में दुकानदार कलेक्टोरेट पहुंचे थे। कलेक्टर से मुलाकात कर उन्होंने अपनी समस्या से अवगत कराया। दुकानदारों ने बताया कि बैंक व बिल्डिंग मालिक के बीच जारी विवाद की जानकारी उन्हें नहीं दी गई थी। इसके अलावा कुर्की की कार्रवाई से भी उन्हें अवगत नहीं कराया गया है। वहीं आनन फानन में दुकानों को खाली करने का फरमान जारी कर दिया गया है। जिससे उनके समक्ष रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। उन्होंने यह भी बताया कि जिस 48 हजार वर्गफुट की भूमि को मालिक द्वारा बंधक रखा गया है, उसमें से लगभग 30 हजार वर्ग फिट जमीन रिक्त है, शेष पर दुकाने बनीं है। इस रिक्त भूमि की नीलामी कर बैंक अपनी बकाया राशि की वसूली कर सकता है। उन्होंने कलेक्टर से तत्काल इस कार्रवाई पर रोक लगाए जाने की मांग की। जिस पर कलेक्टर ने कहा कि कुर्की के बाद दुकान खाली कराने का काम प्रशासन का नहीं हैं। विवाद मालिक व बैंक प्रभंधन के बीच है वे आपस में निपटे।
मालिकाना हक के लिए 5 से वसूली रकम
पटेल कांप्लेक्स में दुकान किराए पर लेकर व्यवसाय करने वाले दुकानदारों ने बताया कि कांप्लेक्स में कुल 26 दुकान है। इनमें से कांप्लेक्स मालिक ने 5 दुकानों का मालिकाना हक देने के लिए दुकान संचालकों से रकम भी ले ली है। जिनमें से तीन दुकानों की रजिस्ट्री भई हो गई है। शेष दो की बाकी है। इस कुर्की व तालाबंदी की कार्रवाई से मालिकाना हक के लिए दी गई रकम के डूबने का भय भी उन्हें सता रहा है।