मिशन 2024 : एनडीए के खिलाफ मैदान में उतरेगा इंडिया, विपक्षी दलों की बैंगलुरू की बैठक में लिया गया निर्णय

बैंगलुरू। विपक्षी एकता की दूसरे दिन की बैठक बेंगलुरु में खत्म हो गई है। 2024 के आम चुनाव में भाजपा को हराने के लिए विपक्ष के 26 दल एक साथ आए हैं। बैठक में विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम INDIA तय किया गया है। इसका ऐलान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। उन्होंने कहा- कॉर्डिनेटर का ऐलान हमारी अगली बैठक में होगा। अगली बैठक मुंबई में जल्द होगी।

इससे पहले बैठक में शामिल राष्ट्रीय जनता दल ने ट्वीट किया कि विपक्षी दलों का गठबंधन भारत का प्रतिबिंब है। RJD ने इंडिया का फुल फॉर्म बताया- INDIA यानी इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस। RJD ने इसके साथ लिखा- अब प्रधानमंत्री मोदी को इंडिया कहने में भी पीड़ा होगी। TMC सांसद ने भी ट्वीट किया- चक दे इंडिया। वहीं कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने लिखा- इंडिया जीतेगी।

इस बार विपक्षी कुनबे को और मजबूत करने के लिए 8 और दलों को न्योता भेजा गया है। इनमें ​​​​मरूमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (MDMK), कोंगु देसा मक्कल काची (KDMK), विदुथलाई चिरुथिगल काची (VCK), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML), केरल कांग्रेस (जोसेफ) और केरल कांग्रेस (मणि) ने हामी भरी है। इन नई पार्टियों में से KDMK और MDMK 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान BJP के साथ थीं।

बैठक में खरगे ने कहा कि हम मानते हैं कि हमारे बीच राज्य स्तर पर कुछ मतभेद हैं लेकिन यह मतभेद वैचारिक नहीं हैं। यह मतभेद इतने बड़े भी नहीं हैं कि आम आदमी, गरीब, युवाओं और मध्यम वर्ग के लिए हम इन्हें भुलाकर आगे नहीं बढ़ सकते। हम 26 पार्टियां साथ हैं और 11 राज्यों में हमारी सरकार है। भाजपा अकेले दम पर 303 सीटें नहीं ला सकती। यह अपने सहयोगियों के वोटों का इस्तेमाल कर सत्ता में आती है और बाद में उन्हें छोड़ देती है। आज भाजपा अध्यक्ष और उनके नेता अलग-अलग राज्य घूमकर अपने पुराने साथियों को इकट्ठा करने में जुटे हैं। 

बैठक के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ‘मैंने चेन्नई में भी कहा था कि कांग्रेस सत्ता की इच्छुक नहीं है और ना ही प्रधानमंत्री पद की। यह बैठक हमारे संविधान, लोकतंत्र, सहिष्णुता और सामाजिक न्याय को बचाने के लिए है। खरगे ने कहा कि हर संस्था को विपक्ष के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग का इस्तेमाल किया जा रहा है। हमारे नेताओं के खिलाफ झूठे आपराधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं ताकि वह कानूनी प्रक्रिया में फंसे रहे। संवैधानिक प्राधिकरण हमारे सांसदों को बर्खास्त करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। विधायकों को ब्लैकमेल किया जा रहा है या फिर उन्हें रिश्वत दी जा रही है ताकि सरकारों को गिराया जा सके।’