बेमेतरा (छत्तीसगढ़) अजीत राजपूत। वर्ष 2025 तक छत्तीसगढ़ को टीबी से मुक्त के लिए शासन द्वारा अभियान चलाया जा रहा हैं। टीबी के मरीज खोजने में गाँव मे मितानिन का महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं, साथ ही मरीजों को डॉट्स के माध्यम से मरीजो को देख रेख में दवाई खिलाया जाता हैं। नए गाइड लाइन के अनुसार (टीपीटी) ट्यूबरक्लोसिस प्रीवेंट थेरेपी अनुसार मरीज के आस पास एंव उनके घर के सदस्यों के दवाई खिलाना है जिससे आस पास के लोगों के बचाव किया जा सके।
साथ ही इस बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक भी किया जा रहाहैं। जिससे इस बीमारी के फैलाव से बचाया जा सकें,साथ ही सेकंड लाइन टीबी के बीमारी से बचाया जा सकें। ज्ञात हो कि टीबी एक संक्रमण बीमारी हैं , यदि सक्रमित व्यक्ति समय पर जाँच एवं इलाज नही करवाता हैं तो एक सक्रमित व्यक्ति वर्ष 10 से 15 व्यक्ति को फैला सकता, मितानिन को इस बीमारी के जाँच और इलाज के सम्बंध में विकास खंड साजा में सेक्टर वाइस ट्रेनिंग दिया जा रहा हैं!