छत्तीसगढ़ में इस साल होने वाले नगरीय निकाय चुनावों की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। राज्य में जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच नौ नए नगरीय निकायों का गठन किया गया है और सात नगर पंचायतों को नगर पालिका में उन्नत किया गया है। इन नए निकायों के गठन के बाद अब राज्य में कुल 192 नगरीय निकाय हो गए हैं, जिनमें 14 नगर निगम, 54 नगर पालिका, और 124 नगर पंचायतें शामिल हैं।
राज्य सरकार ने स्थानीय निवासियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए नए नगरीय निकायों के गठन को मंजूरी दी है। इससे उभरते शहरों में शहरी सुविधाओं के विकास को गति मिलेगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य के कस्बों में अधोसंरचनात्मक विकास को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है। उप मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव की पहल पर इन नए नगरीय निकायों का गठन और नगर पंचायतों के नगर पालिका में उन्नयन किया गया है।
इन स्थानों पर बनाए गए नए नगर पंचायत:
- लाल बहादुर नगर और घुमका (राजनांदगांव)
- जरहागांव (मुंगेली)
- पटना (कोरिया)
- कुसमी (बेमेतरा)
- देवभोग (गरियाबंद)
- शिवनंदनपुर (सूरजपुर)
- बम्हनीडीह (जांजगीर-चांपा)
- पलारी (बालोद)
इन नगर पंचायतों का हुआ उन्नयन:
- गौरेला और पेंड्रा (गौरेला-पेंड्रा-मरवाही)
- लोरमी (मुंगेली)
- अभनपुर (रायपुर)
- बोदरी (बिलासपुर)
- सिमगा (बलौदाबाजार-भाटापारा)
- रामानुजगंज (बलरामपुर-रामानुजगंज)
नए नगर निकायों के गठन से कस्बों में शहरी सुविधाएं जुटाने के कार्यों को तेजी मिलेगी और विकास की नई राहें खुलेंगी।