दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नाबालिग किशोरी को पत्नी बनाकर रखना रायपुर निवासी एक युवक को काफी भारी पड़ा है। अदालत ने आरोपी युवक को इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार दिया और कुल 21 वर्ष के कारावास और 50100 रुपए के अर्थदण्ड से दंडित करने का फैसला सुनाया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) संगीता नवीन तिवारी की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।
प्रकरण में दिलचस्प यह है कि आरोपी युवक और पीड़ित किशोरी के बीच पुरानी जान पहचान थी और किशोरी का परिवार भी युवक से भलीभांति परिचित था। इसके अलावा विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष के गवाहों ने भी यह स्वीकार किया कि किशोरी और युवक ने किशोरी की मां की सहमति से प्रेम विवाह किया था। वहीं इस मामले की शिकायत पुलिस में किशोरी के गुम होने के लगभग एक माह बाद दर्ज कराई गई थी। अदालत ने आरोपी को नाबालिग किशोरी को उसके परिजनों की सहमति के बिना साथ ले जाने और शारीरिक संबंध बनाए जाने के मद्देनजर दोषी करार दिया है।
विशेष न्यायाधीश ने अपने फैसले में लिखा है कि अवयस्क को पाल्य की संरक्षता से ले जाने के लिए बल प्रयोग या छल आदि आवश्यक तत्व नहीं हैं। किसी अवयस्क बालिका को उसके संरक्षण की सम्मति के बिना बहलाफुसला ले जाता है तो व्यपहरण का अपराध पूर्ण हो जाता है। इसके लिए अवयस्क बालिका की सहमति/असहमति का कोई महत्व नहीं रह जाता।
मामला भिलाई भठ्टी थाना क्षेत्र का है। इस मामले की शिकायत पीड़ित की मां ने 16 जनवरी 2021 को दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया था कि उसकी नाबालिग पुत्री 9 दिसंबर 2020 को सिलाई सीखने के लिए गई थी। जिसके बाद वह वापस नहीं लौटी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर किशोरी को रायपुर गुढयारी से रविशंकर सागर (30 वर्ष) के कब्जे से 17 जनवरी 2021 को बरामद किया गया था। बरामदगी के बाद किशोरी ने बताया की रविशंकर ने उसे अच्छी पढाई कराने का झांसा देकर रायपुर बुलाया था। जहां उसकी मांग में सिंदूर भर मंगलसूत्र पहनाया था। जिसके बाद गुढयारी में एक किराये के मकान में रखा। जहां दोनों पति-पत्नी के रूप में रहते थे। इस दौरान युवक ने उसके साथ की बार शारीरिक संबंध भी बनाया। किशोरी ने विचारण के दौरान अदालत को बताया कि वह मांग में सिंदूर भरने, मंगलसूत्र पहनने और शादी का मतलब उसे नहीं मालूम था।
प्रकरण पर विचारण पश्चात अदालत ने आरोपी युवक को किशोरी को उसके संरक्षक की अनुमति के बिना साथ ले जाने तथा नाबालिग जानते हुए उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने का दोषी करार दिया। अभियुक्त रविशंकर सागर (30 वर्ष) को दफा 366 के तहत 3 वर्ष तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 20 वर्ष के कारावास से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।