युवती से उसकी सहमति के बिना बनाए संबंध, 7 साल की कैद

युवती को आटो में बिठा कर घर छोडऩे का झांसा देकर सुनसान इलाके में जबरिया संबंध बनाने के आरोपी को विशेष न्यायाधीश मधु तिवारी द्वारा 7 वर्ष के कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया गया है। प्रकरण पर फास्ट टे्रक कोर्ट में विचारण किया गया था। मामले के अन्य आरोपी को न्यायालय ने संदेह का लाभ देते हुए दोष मुक्त कर दिया है। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक पुष्पारानी पाढ़ी ने पैरवी की थी।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। घटना पुलगांव थाना क्षेत्र में 1 अगस्त 2018 को घटित हुई थी। पीडि़त युवती अपने पति के साथ घर का फैन बनवाने के लिए गई थी। वापसी में पति ड्यूटी पर निकल गया था। युवती घर जाने के लिए अकेली सवारी वाहन का इंतजार कर रही थी। इसी दौरान अंजोरी निवासी आटो चालक संतोष साहू (42 वर्ष) उसके पास पहुंचा और आटो से उसे घर छोड़ देने का झांसा दिया। जिस पर युवती आटो क्र. सीजी 07-एटी-7945 में सवार हो गई। आटो में पहले से ही समीस चौहान (25 वर्ष) बैठा हुआ था। संतोष आटो को अंजोरा बायपास पर ले गया और रात लगभग 8 बजे पुलिया के पास आटो को रोक युवती के साथ सूनेसान पर जबरिया संबंध बनाए। इस घटना की जानकारी पीडि़ता ने दूसरे दिन सबेरे घर पहुंच कर अपने पति को दी। जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ अपहरण व अनाचार का अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश मधु तिवारी द्वारा आटोड्रायवर संतोष साहू को युवती को जबरिया साथ ले जाने और उसकी इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध बनाने का दोषी पाया। वहीं अन्य आरोपी समीस चौहान के संबंध में विचारण के दौरान यह तथ्य सामने आया था कि घटना स्थल से संतोष ने समीस को भगा दिया था। इस तथ्य का पीडि़ता द्वारा न्यायालय में विरोध नहीं किया गया। जिसके आधार पर न्यायाधीश ने आरोपी समीस को संदेह का लाभ देते हुए आरोप से मुक्त कर दिया। इस मामले में आरोपी संतोष साहू को दफा 376(1) के तहत 7 वर्ष तथा दफा 366 के तहत 5 वर्ष के कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। आरोपी पर कुल 3 हजार रु. का अर्थदंड भी आरोपित किया गया है। जिसे अदा नहीं किए जाने पर अभियुक्त को अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।

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