नोएडा: नोएडा में हुए लैंबॉर्गिनी हुराकैन हादसे को लेकर पुलिस की कार्यवाही सवालों के घेरे में आ गई थी। शुरुआत में दर्ज की गई एफआईआर में चालक का नाम शामिल नहीं किया गया, जिससे यह आरोप लगे कि पुलिस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, अब पुलिस ने आरोपी का नाम जोड़ दिया है और देरी का कारण स्पष्ट किया है।
कैसे हुआ हादसा?
यह लैंबॉर्गिनी हुराकैन यूट्यूबर मृदुल तिवारी की थी, जिनके यूट्यूब पर 19 मिलियन फॉलोअर्स हैं। वह अपनी यह कार बेचना चाहते थे और इसी सिलसिले में उन्होंने अजमेर के लग्जरी कार डीलर दीपक से बात की थी।

बीते दिन दीपक कार की टेस्ट ड्राइव के लिए निकला, लेकिन कार से नियंत्रण खो बैठा और सड़क किनारे बैठे दो मजदूरों को टक्कर मार दी। हादसे के तुरंत बाद दीपक को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन दर्ज एफआईआर में चालक का नाम और पता ‘अज्ञात’ बताया गया।
एफआईआर में नाम क्यों नहीं था? पुलिस ने दी सफाई
जब इस मामले पर सवाल उठने लगे, तो नोएडा पुलिस ने सफाई देते हुए कहा,
“शुरुआती शिकायत में शिकायतकर्ता को चालक की पहचान और पता नहीं पता था। बाद में जांच के दौरान नाम सामने आया और इसे एफआईआर में जोड़ दिया गया। आरोपी दीपक को गिरफ्तार कर लिया गया है और कार को पुलिस ने जब्त कर लिया है।”
क्या यूट्यूबर मृदुल तिवारी भी जिम्मेदार हैं?
चूंकि हादसे के समय मृदुल तिवारी कार नहीं चला रहे थे और न ही वे मौके पर मौजूद थे, इसलिए उन पर सीधा मामला दर्ज नहीं होगा। हालांकि, अगर जांच में यह साबित होता है कि कार में कोई तकनीकी खामी थी या वह खराब हालत में थी, तो मृदुल तिवारी पर कार्रवाई हो सकती है।
इसके अलावा, यदि मजदूरों को मुआवजा देने का मामला आता है, तो यदि कार बीमित है, तो बीमा कंपनी मुआवजा देगी।
