कवर्धा (छत्तीसगढ़)। कबीरधाम जिले के बोडला और पंडरिया विकासखण्ड के सुदूर और दूर्गम पहाड़ियों के बीच में रहने वाले विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति बैगाओं का स्वास्थ्य परीक्षण एवं गंभीर रोग से ग्रसित मरीजों को चिन्हांकित करने के लिए बोडला में दो दिवसीय स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। यह आयोजन आदिमजाति विकास विभाग द्वारा आयोजित की गई थी।
19 और 20 दिसम्बर को आयोजित स्वास्थ्य शिविर में गंभीर रूप से एनिमिया से पीड़ित सात बैगाओं को चिन्हांकन किया गया है। वहीं सिकलसेल से पीडित 12 बैगाओं की स्क्रीनिंग की गई है। शिविर में एक ऐसे महिला का चिन्हांकन किया है, जिसके पेट में एक बड़ी गोला है। इन बीमारियो से ग्रसित सभी मरीजों को तत्कालिक तौर पर संबंधित विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा दवाईयां दी गई है, साथ ही उन सभी मरीजो उचित उपचार के लिए जिला चिकित्सालय डाक्टरों की निगरानी में किया जाएगा। जरूरत के आधार पर राज्य स्तर निःशुल्क उपचार किया जाएगा।
दो दिवसीय शिविर में प्राथमिक उपचार के बाद लगभग 13 सौ बैगाओं को विशेषज्ञ चिकित्सों के पास उपचार कराने योग्य पाया गया। आज दूसरे दिन पंडरिया विकासखण्ड में निवासरत बैगाओे का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमें 703 लोगों उपचार योग्य पाया गया। शिविर में आंखो से संबंधित बीमारियों का उपचार किया गया जिसमें निकट और दूर दृष्टि की समस्या वाले मरीजों को आई ड्रॉप, दवाई और चश्मा प्रदान किया गया।
इस दो दिवसीय स्वास्थ्य परीक्षण में आदिमजाति विकास विभाग के आयुक्त एवं वरिष्ठ अफसर शम्मी आबिदी और कलेक्टर जनमेजय महोबे ने पूरे दिन शिविर स्थल पर मौजूद रहकर उपचार कराने आए बैगा परिवारों से सीधे संवाद भी किया और उपचार के बाद उनके चर्चा कर फिडबैग भी लिए। इन सभी मरीजों को स्वास्थ लाभ की रिपोंटिंग खुद कलेक्टर जनमेजय महोबे देखेंगे। डे-टू डे होने वाल इलाज और उनके सुधार सहित अन्य उपचार की जानकारी का रिकार्ड आदिम जाति विकास विभाग संभालेंगे। कलेक्टर ने इसके लिए उन्हे जिम्मेदारी दी है।