पहली पत्नी को रुपए भेजने से दूसरी ने किया इंकार, पति ने घोंट दिया गला, आजीवन कारावास से दंडित

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पहली पत्नी को पैसा भेजने से दूसरी पत्नी का इंकार करना पति को इतना नागवार गुजरा कि उसने अपनी पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को खेत में दफना दिया। तीन दिन बाद पुलिस ने शव को सड़ी-गली अवस्था में बरामद किया था। इस मामले में अदालत ने अभियुक्त के खिलाफ फैसला सुनाया है। पत्नीहंता अभियुक्त को आजीवन कारावास और एक हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार वर्मा की अदालत में शनिवार को सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक ललित कुमार देशमुख ने पैरवी की थी।

घटना पुरानी भिलाई (भिलाई-3) थाना क्षेत्र के ग्राम जरवाय की है। जरवाय खार में सावित्री बाई तांती के खेत से दफन अवस्था में पुलिस ने 6 मई 2020 को एक महिला का सड़ा-गला शव बरामद किया था। शव की सबसे पहले जानकारी राठी बाड़ी के सुपरवाइजर को दुर्गंध उठने पर हुई। मृतक महिला की पहचान उसके द्वारा पहने गए कपड़ों, गहनों और गुदना के आधार पर शांतिबाई के रूप में हुई थी। महिला राठी बाड़ी के सर्वेंट क्वार्टर में अपने पति टंकाधर उर्फ शंकर भोई (37 वर्ष) के साथ रहती थी और दोनों बाड़ी में मजदूरी का काम करते थे। मृतक महिला का पति शंकर लापता था।

शव बरामदगी के दूसरे दिन पुलिस ने शंकर को संदेह के आधार पर अपनी गिरफ्त में ले लिया। पूछताछ में शंकर ने अपनी पत्नी शांतिबाई की हत्या करना स्वीकार लिया। शंकर ने बताया कि 3 मई 2020 की रात शांतिबाई से 700 रुपए को लेकर विवाद हुआ था। इस रकम को वह अपनी पहली पत्नी चंद्रप्रभा को भेजना चाहता था, लेकिन शांतिबाई इससे इंकार कर रही थी और यह रकम वह अपनी मां को भेजने की जिद कर रही थी। जिससे दोनों में विवाद हुआ और सॉकर ने शांतिबाई के सीने पर चढ़ कर उसकी पहनी साड़ी से गला घोंट दिया। जिसके बाद शव को कंधे में उठाकर पास के खेत में ले जाकर दफन कर दिया था।

पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया गया था। विचारण पश्चात न्यायाधीश ने अभियुक्त टंकाधर उर्फ शंकर भोई (37 वर्ष) को हत्या और साक्ष्य छिपाने का दोषी करार दिया। अभियुक्त को दफा 302 के तहत आजीवन कारावास और दफा 201 के तहत दो वर्ष के कारावास से दंडित किया गया है।