रायपुर में बवाल : दिवंगत पंचायत शिक्षकों की पत्नियां बूढ़ा तालाब में कूदी, किया जल समाधि लेने का प्रयास

रायपुर (छत्तीसगढ़)। प्रदेश की राजधानी में अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलनरत विधवा महिलाओं के सब्र का बांध आज टूटता नजर आया। महिलाएं बूढ़ा तालाब में अचानक छलांग लगाने लगीं। कहने लगीं कि अब जीकर कोई फायदा नहीं। पानी में जल समाधी ले लेंगीं। ऐसा करने से पुलिस ने इन्हें रोका। काफी देर तक बूढ़ातालाब के किनारे विरोध और बवाल होता रहा। पुलिस ने इन्हें समझाकर वापस धरना स्थल भेजा।

महिलाएं लगभग एक माह से धरना दे रहीं हैं और अनुकम्पा नियुक्ति की मांग कर रही हैं। ये वो महिलाएं हैं जिनके पति पंचायत स्तर के स्कूलों में पढ़ा रहे थे। किसी की हादसे में मौत हो गई तो किसी को बीमारी ने छीन लिया। इन महिलाओं की मांग है कि पति की जगह सरकारी नौकरी दी जाए, लेकिन इसमें नियम-कायदे आड़े आ रहे है। जिससे निराश महिलाओं ने जल समाधी लेने का प्रयास करने जैसा आत्मघाती कदम उठाया। महिलाओं ने चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में इनकी मांग पूरी नहीं होती तो और बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगी। फिलहाल महिलाओं ने धरना स्थल पर ही डटी हुई है।

पंचायत शिक्षकों की मौत के बाद परिवार के किसी भी सदस्य काे अब तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिली है। कोई तीन साल से भटक रहा है तो कोई चार साल से। जांजगीर से आई अश्वनी सोनवानी के पति पंचायत शिक्षक थे। 2017 में पति की हार्ट अटैक से मौत हो गई। अब दो बच्चे हैं। ससुर को लकवा मार गया है। लोगों से उधार रुपए लेकर बुजुर्ग ससुर का इलाज करवा रही हैं। ट्रीटमेंट के लिए पैसे नहीं होते हैं। 17 साल की बैटी ने 10वीं में टॉप किया था। मगर अब उसे आगे पैसों की तंगी की वजह से पढ़ा नहीं पा रहीं। अश्वनी ने पूछा कि हम घर कैसे चलाएं, जिन शिक्षकों का संविलियन हुआ उनके परिवार को सरकार ने अनुकम्पा नियुक्ति दे दी, हमारे पति भी तो पढ़ाते थे।

जानकारी के मुताबिक दिवंगत शिक्षकों की पत्नियां 12वीं पास हैं, कुछ ने बीएड भी किया है। अब इन्हें टीजर एजिबिलिटी टेस्ट, डीएड के बिना अनुकम्पा नियुक्ति न दिए जाने का नियम बताया जा रहा है। दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकम्पा संघ की अध्यक्ष माधुरी मृगे ने आरोप लगाया कि चुनाव के समय कांग्रेस ने सरकार बनने के बाद नियमों को शिथिल करेंगे। आपको नौकरी मिलेगी। माधुरी ने कहा कि हमारे साथ जो हुआ अचानक हुआ, कोई तैयारी तो नहीं करता है न कि पति मरे तो मैं पहले से ही सारे कोर्स कर लूं। अब परिवार में पैसे नहीं कि हम कोर्स करें। हम चाहते हैं कि जिसकी जैसी योग्यता है उसे वैसा रोजगार सरकार दे दे।