रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नाराजगी के बाद लोक निर्माण विभाग जर्जर हो चुकी सड़कों की मरम्मत और मेंटेनेंस के लिए पांच संभागों के मुख्य अभियंताओं को उनके क्षेत्राधिकार वाले जिलों के लिए नोडल अधिकारी बना दिया है। वहीं कलेक्टर को भी मरम्मत की निगरानी करने को कहा गया है। कलेक्टरों को प्रत्येक सप्ताह होने वाली टीएल बैठक में सड़क निर्माण और मरम्मत की समीक्षा करने का निर्देश है।
अधिकारियों ने बताया, इन सड़कों के निर्माण और मरम्मत का काम समय पर पूरा करने के लिए जिलावार नोडल अधिकारी बनाया गया है। रायपुर, धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद, बलौदाबाजार-भाटापारा जिलों के लिए मुख्य अभियंता रायपुर परिक्षेत्र को जिम्मेदारी मिली है। दुर्ग, राजनांदगांव, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, कबीरधाम, बेमेतरा, बालोद, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिलों के लिए मुख्य अभियंता दुर्ग परिक्षेत्र को नोडल अधिकारी बनाया गया है। वहीं बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, मुंगेली, रायगढ़, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, सक्ती, सारंगढ़-बिलाईगढ़, कोरबा जिलों के लिए बिलासपुर परिक्षेत्र के मुख्य अभियंता को जिम्मा मिला है।

अंबिकापुर परिक्षेत्र के मुख्य अभियंता सरगुजा, बलरामपुर-रामानुजगंज, सूरजपुर, जशपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिलों का काम देखेंगे। वहीं बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर जिलों के लिए बस्तर परिक्षेत्र के मुख्य अभियंता नोडल अधिकारी होंगे। लोक निर्माण विभाग के सचिव ने सभी जिला कलेक्टरों से कहा है कि वे भी अपने जिलों में सड़कों की मरम्मत के काम की खुद निगरानी और समन्वय करें। प्रत्येक सप्ताह होने वाली टीएल बैठक में इसे मुख्य एजेंडा के रूप में शामिल करें। संबंधित कार्यपालन अभियंता से उसकी प्रगति पर चर्चा करें। समन्वय स्थापित करते हुए शीघ्र काम पूरा करने के लिए जरूरी मार्गदर्शन भी दें।
बता दें पिछले सप्ताह 24 सितम्बर को मुख्यमंत्री निवास में लोक निर्माण विभाग और सड़क निर्माण से जुड़े अफसरों की बैठक हुई। उसमें सीएम भूपेश बघेल ने जिम्मेदारों को फटकार लगा दी। मुख्यमंत्री ने यहां तक कह दिया कि पैसा मंजूर होने के बाद भी आप लोग सड़क नहीं बनवा पाए। राशि स्वीकृति के बाद भी सड़कों की मरम्मत और कार्य ना होना आपकी लापरवाही दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने कहा, निर्माणाधीन सड़कों पर तेजी से कार्य करायें और जिन सड़कों में पैचवर्क की आवश्यकता है वहां तत्काल पैचवर्क करें। सड़कों की खराब स्थिति पर एक सप्ताह बाद दोबारा समीक्षा की जाएगी। बताया जा रहा है, अक्टूबर के पहले सप्ताह में मुख्यमंत्री फिर समीक्षा करेंगे।
