दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पडौस में रहने वाली किशोरी को शादी का झांसा देकर दैहिक शोषण कर बिन ब्याही मां बनाने के आरोपी युवक को अदालत ने अजीवन कारावास से दंडित किया है। युवक को विभिन्न धाराओं के तहत कुल 4 हजार रुपए के अर्थदण्ड से भी दंडित किया गया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सरिता दास की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की थी।
मामला जामुल थाना क्षेत्र का है। आरोपी रिंकू सिंह (24 वर्ष) ने अपने पडौस में रहने वाली 16 वर्षीय किशोरी को शादी का झांसा देकर अपने प्रेम जाल में फंसा लिया था। जिसके बाद 11 अक्टूबर 2017 से उसका लगातार दैहिक शोषण करने लगा। जिससे किशोरी गर्भवती हो गई। जिसकी जानकारी मिलने पर युवक ने किशोरी से शादी करने और होने वाले बच्चे को अपनाने का वादा किया। लगभग एक साल बाद किशोरी ने बच्ची जन्म दिया, लेकिन आरोपी रिंकू ने किशोरी और बच्ची को अपनाने से इंकार कर दिया। युवक द्वारा वादाखिलाफी से नाराज किशोरी द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज करायी गयी। शिकायत के आधार पर रिंकू सिंह के खिलाफ कार्रवाई कर पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था।
विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत में पेश किया था। विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सरिता दास ने आरोपी रिंकू सिंह (24 वर्ष) को दोषी करार दिया। अभियुक्त रिंकू को पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत अजीवन कारावास व 3 हजार रुपए अर्थदंड तथा दफा 450 के तहत 3 वर्ष के कारावास व एक हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है।