विश्व आदिवासी दिवस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश को कुपोषण व एनिमिया से मुक्त करने अभियान चलाने का ऐलान किया है। यह अभियान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीें जयंती के उपलक्ष्य पर आगामी 2 अक्टूबर से प्रदेश के सभी आंकाक्षी जिलों में प्रारंभ होगा। आगामी 3 साल में छत्तीसगढ़ को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री बघेल ने जिला मुख्यालय कोंडागांव में विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कुपोषण व एनिमिया मुक्त अभियान के तहत पीडि़तों को प्रतिदिन नि:शुल्क पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुपोषण मुक्ति का यह कार्यक्रम बीते जुलाई माह से बस्तर और दंतेवाड़ा जिलों की चुनिंदा पंचायतों में संचालित हो रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि नीति आयोग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार राज्य में 5 साल से कम उम्र के 37.60 प्रतिशत बच्चे कुपोषण से तथा 15 से 49 वर्ष की 41.50 प्रतिशत बेटियां और माताएं एनीमिया से पीडि़त हैं। कुपोषण एवं एनीमिया के कारण देश में प्रतिवर्ष लाखों बच्चों की मौत हो जाती है, लाखों बच्चे जन्म के समय से ही कम वजन के होते हैं, उनकी ऊंचाई नहीं बढ़ती तथा उनके शारीरिक और मानसिक विकास की प्रक्रिया अवरूद्ध हो जाती है, इस तरह जन्म लेते ही उनकी नियति तय हो जाती है। इस विकट समस्या के निराकरण के लिए अत्यंत गंभीर प्रयासों की आवश्यक्ता है। इस अवसर पर उन्होंने प्री-मैट्रिक छात्रावास के छात्रों की छात्रवृत्ति 700 रु. से बढ़ाकर 1000 रु. करने, कॉलेज में सीट बढ़ाने की घोषणा की। वहीं मांझी, चालकियों का नाम जो छूट गए हैं उनके बारे में कैबिनेट में निर्णय लिए जाने की बात कही। कार्यक्रम में उद्योग मंत्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, बस्तर सांसद दीपक बैज, कोण्डागांव विधायक मोहन मरकाम उपस्थित थे।
214 करोड़ की दी सौगात
अन्तर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कोण्डागांव जिले में विकास कार्यों के लिए लगभग 214 करोड़ 71 लाख रु. की लागत से 72 कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया। इनमें 45 करोड़ 21 लाख रूप्ए के पूर्ण किए जा चुके 22 कार्य और 169 करोड़ 49 लाख रूपए के नए विकास कार्यों का शिलान्यास शामिल है।