लाल ग्रह यानि मंगल पर यात्रा मानव के लिए खतरनाक हो सकती है। एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। इसका कारण मंगल ग्रह में मौजूद विकरण बताया जा रहा है। जिसका प्रभाव मानव के मस्तिष्क पर पड़ सकता है और याददाश्त, सोचने व सीखने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
एक अध्ययन में पाया गया है कि मंगल पर जाना इंसानों और उनके दिमाग के लिए अच्छा नहीं होगा। छह माह तक नर चूहों पर किए शोध में यह पाया गया। अध्ययन में पाया गया कि चूहों को स्मृति, सीखने और चिंता के मुद्दों का सामना करना पड़ा। ब्रह्मांडीय विकिरण का अनुकरण करने के लिए अध्ययन एक नई न्यूट्रॉन विकिरण सुविधा में आयोजित किया गया था। नर चूहों पर छह महीने तक विकिरण की कम खुराक के साथ बमबारी की गई थी। उस समय के बाद, शोधकर्ताओं ने पाया कि प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स और हिप्पोकैम्पस में सिग्नलिंग विकिरण बिगड़ा हुआ था। इससे उनकी याददाश्त और सीखने की क्षमता प्रभावित हुई। उन्होंने यह भी देखा कि चूहे विचलित थे, जिसका मतलब था कि अमिगडाला प्रभावित था। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के विकिरण ऑन्कोलॉजिस्ट चाल्र्स लिमोली के अनुसार ये आवेशित कण बहुत खतरनाक हैं। इसका कारण है, वे बहुत ऊर्जावान और पूरी तरह से आयनित होते हैं और जब वे शरीर के माध्यम से यात्रा करते हैं, तो वे इस प्रकार की क्षति उत्पन्न करते हैं कि आपके शरीर की कोशिकाओं और ऊतकों को इससे उबरना बहुत मुश्किल होता है।