नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद सेना में महिला अफसरों की एक और बड़ी जीत हुई है। केंद्र 11 महिला अफसरों को भी परमानेंट कमीशन देगा। दस दिनों के भीतर यह परमानेंट कमीशन मिलेगा। जो योग्य अफसर हैं और कोर्ट नहीं आईं, उन्हें भी तीन हफ्ते में परमानेंट कमीशन मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि जिन अफसरों के पास विजिलेंस और अनुशासनात्मक क्लीयरेंस हैं, वो इसके लिए हकदार होंगी। ऐसी महिलाओं के लिए एक महीने में विचार किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन्हें परमानेंट कमीशन देने से इनकार किया जाए, उन्हें एक स्पीकिंग आदेश जारी किया जाए।
एएसजी संजय जैन ने केंद्र की ओर से ये जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी। उन्होंने बताया कि दस दिन में के भीतर इन महिला अफसरों को स्थायी आयोग दे दिया जाए। उन्होंने बताया कि कुल 72 महिला अफसरों में से एक ने रिलीज मांगी है। 35 में से 21 याचिकाकर्ताओं को परमानेंट कमीशन दिया जा चुका है, एक पर विचार हो रहा है। इसके बाद 14 महिला अफसरों में से तीन मेडिकल तौर पर अनफिट पाई गई हैं। शेष 11 अफसरों को दस दिनों के भीतर परमानेंट कमीशन दिया जाएगा। जिन महिला अफसरों का मामला कोर्ट में नहीं हैं, लेकिन वो योग्य हैं, उनको भी 20 दिन में परमानेंट कमीशन देने पर किया जाएगा।
बता दें कि सेना में महिलाओं को परमानेंट कमीशन के मामले में सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का केस चलाने की धमकी के बाद केंद्र सरकार के रुख में नरमी आई थी। सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने चेतावनी दी थी, ‘हम सेना को अवमानना का दोषी ठहरेंगे। सेना अपने क्षेत्र में सुप्रीम हो सकती है लेकिन संवैधानिक कोर्ट अपने क्षेत्राधिकार में सुप्रीम है।’