ईद की रौनक: चांद दिखते ही खुशियों की बयार, मस्जिदों में इबादत और घरों में पकवानों की महक

बिलासपुर: रविवार शाम जैसे ही आसमान में ईद का चांद नजर आया, पूरे मुस्लिम समाज में खुशी की लहर दौड़ गई। सोमवार को देशभर में ईद उल फितर का त्योहार पूरे हर्षोल्लास और उमंग के साथ मनाया गया। शहर में हर तरफ रौनक थी, बाजारों में चहल-पहल दिखी, और मस्जिदों में अल्लाह की इबादत के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

बिलासपुर में भी सुबह से ही मुस्लिम समाज के लोग ईदगाह और मस्जिदों में नमाज अदा करने पहुंचे और देश, समाज एवं परिवार की खुशहाली की दुआ मांगी। इस दौरान गले मिलकर एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद देने का सिलसिला चलता रहा।

भाईचारे और सौहार्द्र का संदेश

ईद उल फितर मुसलमानों के लिए बेहद खास त्योहार है, क्योंकि यह रमजान के पूरे महीने रोजे रखने और इबादत करने के बाद आने वाला खुशी का दिन होता है। चांद के दीदार के साथ ही इस त्योहार की शुरुआत होती है और फिर हर घर में खास पकवानों की खुशबू बिखरने लगती है।

सुबह से ही बच्चे, बुजुर्ग और युवा नए कपड़े पहनकर ईदगाह की ओर जाते नजर आए। इस बार बिलासपुर की ईदगाह में करीब 2000 से ज्यादा लोगों ने एक साथ नमाज अदा की और दुआएं मांगी।

ईदगाहों और मस्जिदों में जहां इबादत का नजारा देखने लायक था, वहीं घरों में तरह-तरह के पकवानों की खुशबू माहौल को और खास बना रही थी। सेवाईयां, शीरखुरमा, बिरयानी और अन्य पारंपरिक व्यंजन इस त्योहार की शान बने।

नमाज अदा करने के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने न सिर्फ अपने समुदाय के लोगों को बल्कि सभी धर्मों के लोगों को भी ईद की मुबारकबाद दी। इससे पूरे शहर में भाईचारे और सौहार्द्र का संदेश फैल गया।

ईद की रौनक से गुलजार बाजार

ईद से पहले ही बाजारों में खासा उत्साह देखने को मिला। कपड़े, मिठाइयों और तोहफों की खरीदारी से बाजारों में रौनक बनी रही। बच्चों के लिए नए खिलौने और कपड़ों की दुकानों पर भीड़ नजर आई।

इस मौके पर शहर के प्रशासन और पुलिस ने भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए, ताकि त्योहार शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से मनाया जा सके।

ईद उल फितर सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि आपसी प्रेम, सौहार्द्र और भाईचारे का प्रतीक भी है। इस दिन हर कोई अपने गिले-शिकवे भुलाकर गले मिलता है और खुशियों को साझा करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *