दुर्ग (छत्तीसगढ़) आनंद राजपूत। विश्व आदिवासी दिवस पर गोड़वाना समाज ने हुंकार भरी है। समाज प्रमुखों ने धमधा नगर पंचायत द्वारा समाज के धमधा के किला व त्रिमूर्ति महामाया मंदिर व तालाब को सरकार को सौंपे जाने के प्रस्ताव पर विरोध जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि समाज की इससे आस्था जुड़ी हुई है और इसका एतिहासिक महत्व है। इस प्रकार के किसी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया जाएगा। सरकार द्वारा इस प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने पर सड़क स्तर तक लड़ाई लड़ी जाएगी।
विश्व आदिवासी दिवस पर गोड़वाना समाज द्वारा सिविल लाइन स्थित गोड़वाना भवन में समाजिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस दौरान समाज के अराध्य देव बूढ़ा देव की पूजा अर्चना कर रैली निकाली गई। इस मौके पर गोड़वाना समाज के केंद्रीय अध्यक्ष एमडी ठाकुर ने बताया कि आदिवासियों के शोषण पर विश्व स्तर रोक लगाने के लिए वर्ष 1994 को 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाए जाने की घोषणा की गई थी, ताकि समाज एकजुट हो सके और अपने हितों का संरक्षण कर सकें। उन्होंने धमधा नगर पंचायत द्वारा आदिवासियों की धरोहर धमधागढ़ में मौजूद किला के साथ त्रिमूर्ति महामाया मंदिर व तालाब को राज्य सरकार को सौंपे जाने का प्रस्ताव लाया गया है। इस प्रस्ताव को समाज किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं करेंगा।
उन्होंने बताया कि धमधागढ़ का यह किला और मंदिर प्रचान धरोहर है। वर्ष 1964 में मध्यप्रदेश प्राचीन स्मारक व पुरातत्व अवशेष के रुप में इसे संरक्षित किया गया था। वर्ष 2001 में तत्कालीन जोगी सरकार ने पुरातात्विक महत्व की इस धरोहर को रखरखवा व देखरेख के लिए गोड़वाना समाज की मांग पर समाज को सौंपा दिया गया था। वर्तमान में धमदा गढ़ का किला, मंदिर व तालाब गोड़वाना समाज के आधिपत्य में है। हाल ही धमधा नगर पंचायत द्वारा इस धरोहर को शासन को सौंपने और ट्रस्ट बनाए जाने का प्रस्ताव लाया गया है। इस प्रस्ताव का समाज हर स्तर पर विरोध करेंगा। आदिवासियों के हो रहे धर्म परिर्वतन पर उन्होंने कहाकि पूर्व धर्म परिवर्तन तलवार की नोंक पर कराया जाता था। अब लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। समाज में व्याप्त बेगारी, भुखमरी व अज्ञानता के कारण भोले भाले आदिवासी इसका शिकार बन रहे है। इसे रोकने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने दुर्ग के ग्राम पीपरछेड़ी व मुगेंली की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि यहां इसाई मशीनिरी द्वारा समाज के लोंगो का धर्म परिर्वचन कराए जाने की शिकायत मिलने पर समाज के पदाधिकारी हरकत में आए और इसे रुकवाया था।
दुर्ग संभाग में बनाया जाए गोड़वाना आवासीय खेलग्राम
समाज के राकेश ठाकुर ने इस दौरान दुर्ग संभाग में आदिवासी खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए राष्ट्रीय गोड़वाना आवासीय खेलग्राम बनाए जाने की मांग की है। उन्होंने इस मांग को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया है। ज्ञापन में उन्होंने सुझाव दिया है कि आवासीय खेल ग्राम में आदिवासी बच्चों के साथ आर्तिक रुप े कमजोर खेल में रुचि रखने वालों बच्चों को प्रवेश देकर उन्हें उचित प्रक्षिण दिया जाए। जिससे गरीब बच्चें राज्य के साथ देश का नाम खेल के माध्यम से रौशन कर सकें।

