दुर्ग (छत्तीसगढ़)। साढ़े तीन साल की मासूम बालिका को मिठाई का लालच देकर उसके साथ हैवानियत करने वाले आरोपी के खिलाफ न्यायालय ने कठोर फैसला दिया है। आरोपी को पीडित मासूम भूत अंकल के नाम से संबोधित करती थी। हैवानियत करने के बाद बालिका को भूत अंकल ने उतई के पास नग्न हालत में लावारिस छोड़ दिया था। जिसे पुलिस की 112 टीम ने जिला अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल कराया था। इस मामले में न्यायालय ने हैवानियत करने वाले युवक को अंतिम सांस तक जेल में रखे जाने का फैसला सुनाया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पास्को एक्ट) सरिता दास की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने पैरवी की थी।
मामला जिला आपापुरा भाजपा कार्यालय के पास से गुम हुई साढ़े तीन साल की मासूम से संबंधित है। मासूम 26 अगस्त 2019 की शाम अपनी बहनों के साथ खेल रही थी। मां अपने काम पर और पिता रिक्शा चलाने गए हुए थे। मां ने घर वापस आने पर पीड़ित मासूम को लापता पाया। काफी खोजबीन करने के बाद भी बालिका नहीं मिली। इसी दौरान उन्हें जानकारी मिली कि एक बालिका को जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया है। अस्पताल जाने पर बालिका उनकी पुत्री निकली। जिसके बाद परिजन उसे लेकर घर आ गए। दूसरे दिन सवेरे बालिका की मां ने उसके कपडों पर खून लगा देखा। वहीं उसके गुप्तांग से भी खून का रिसाव हो रहा था। पूछताछ करने पर बालिका ने बताया कि भूत अंकल उसे मिठाई खिलाने का लालच लेकर दूर ले गए थे। जहां उसके साथ गंदा काम किया और छोड़कर चले गए थे। इसके बाद मामले की शिकायत दुर्ग कोतवाली में की गई।
112 ने पहुंचाया था अस्पताल
पीड़ित मासूम पुलिस की 112 की टीम को उतई के पास लावारिस हालत में रोते मिली थी। उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। बालिका की स्थिति को देखते हुए उसे जिला अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल किया गया था। जहां से परिजन बालिका को अपने साथ घर ले गए।
पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
मामले की पड़ताल के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि संजय नगर सुपेला निवासी ओम प्रकाश कुर्रे (37 वर्ष) का पीडिता के घर आना जाना था।जिसे बालिका भूत अंकल कह कर पुकारती थी। गुमशुदगी के पूर्व उसे ओमप्रकाश के साथ देखा गया था। संदेह के आधार पर उसे पुलिस ने कब्जें में लेकर पूछताछ करने पर उसने मासूम की हैवानियत करने का जुर्म कबूल कर लिया। इस मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को न्यायालय के समक्ष विचारण के लिए प्रस्तुत किया था।
अदालत ने सुनाया फैसला
इस प्रकरण पर विशेष न्यायाधीश सरिता दास की अदालत में विचारण किया गया। विचारण पश्चात आरोपी ओम प्रकाश कुर्रे को मासूम के साथ हैवानियत करने का दोषी करार दिया। इस मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए विशेष लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने अभियुक्त को कठोर दंड से दंडित किए जाने का अनुरोध न्यायालय से किया था। जिसे स्वीकार करते हुए न्यायाधीश ने अभियुक्त को दफा 376 कख के तहत पूरे प्राकृत जीवन तक कारावास की सजा से दंडित किए जाने फैसला सुनाया है। इसके अलावा दफा 363 के तहत 5 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया गया है। साथ ही कुल 5500 रुपए के अर्थदण्ड से भी दंडित किया गया है।