नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मंत्री नव प्रभात ने रविवार को कहा कि राज्य में संवैधानिक संकट पैदा हो रहा है और राज्य में सरकार के नेतृत्व में एक बार फिर बदलाव होगा। न्यूज एजेंसी एएनआई ने उनके हवाले से कहा है, ‘उत्तराखंड में एक संवैधानिक संकट पैदा हो रहा है। वर्तमान में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत विधायक नहीं हैं। अपने पद पर बने रहने के लिए, उन्हें 9 सितंबर को छह महीने पूरे होने से पहले विधानसभा का निर्वाचित सदस्य बनना होगा। अब, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151 ए के तहत, उस स्थिति में उप-चुनाव नहीं हो सकता, जहां आम चुनाव के लिए केवल एक साल बाकी है।’
कांग्रेस नेता ने कहा कि गंगोत्री और हल्दवानी विधानसभा सीटें मौजूदा विधायकों की मौत की वजह से खाली हैं। उन्होंने कहा, ‘उत्तराखंड में दो विधानसभा सीटें खाली हैं। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल मार्च 2022 में खत्म होगा। इसका मतलब है कि इस विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने में 9 महीने ही बचे हैं। अगर ऐसे देखा जाए तो 9 सितंबर के बाद मुख्यमंत्री पद पर तीरथ सिंह रावत के बने रहने संभव नहीं है। ऐसे मामले में उत्तराखंड में एक बार फिर नेतृत्व में बदलाव किया जाएगा।’
उत्तराखंड के गढ़वाल से भाजपा सांसद तीरथ सिंह रावत ने इस साल मार्च महीने में त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। त्रिवेंद्र सिंह रावत को राज्य की पार्टी इकाई में मतभेद के बाद मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था।