दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिले में 18 वर्ष से 45 वर्ष तक नागरिकों के वैक्सीनेशन में भारी पैमाने पर अनियमितता बरते जाने की जानकारी लगातार सामने आ रही है। सहीं समय पर जानकारी नहीं मिलने से वैक्सीन लगवाने के इच्छुक नागरिकों को भटकना पड़ रहा है। जिले में यह स्थिति लगातार बन रही है। जिससे लगता है कि वैक्सीनेशन को लेकर प्रशासन के पास कोई प्लान नही है। जिले में अफसरशाही के साथ साथ लालफीताशाही भी हावी है।
बता दें कि तेजी फैलते कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एक मात्र वैक्सीनेशन को ही कारागार माना जा रहा है। राज्य सरकार भी नागरिकों को बिना परेशानी वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में काम कर रहीं है। नागरिकों को परेशानी से बचाने पंजीयन के लिए राज्य सरकार वेब पोर्टल बनाकर हेल्प सेंटर स्थापित कर रहीं है। लेकिन दुर्ग प्रशासन राज्य शासन की इस सोच से इत्तफाक रखता नजर नहीं आ रहा है। जिससे वैक्सीन लगवाने के इच्छुक हतोत्साहित होने लगे हैं।
दुर्ग जिले में कल एपीएल व फ्रंटलाइन वर्कर्स के आरक्षित टीकाकरण केंद्रों में वैक्सीनेशन का कार्य बंद रहा था, लेकिन सहीं समय में प्रशासन द्वारा सेंटरों के बंद होने की सूचना समय से पूर्व जारी नहीं किए जाने से नागरिकों में भटकाव की स्थिति दिन भर बनीं रही। वहीं आज गुरूवार को भी अधिकांश एपीएल व फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए निर्धारित केंद्रों में ताला लगा रहा। इसका कारण वैक्सीन का इन सेंटरों में नहीं पहुंचना कारण बताया जा रहा है। लेकिन आज भी वैक्सीनेशन सेंटर बंद होने की जानकारी सहीं माध्यमों से समय से पूर्व प्रसारित नहीं की गई। महज सेंटरों पर बंद की सूचना चस्पा कर प्रशासन ने अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। जिससे आज भी इन सेंटरों में वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचे लोगों को परेशान होना पड़ा और बेरंग लौटना पड़ा। प्रशासन द्वारा अपनाई जा रही इस व्यवस्था से प्रशासन के राज्य शासन के खिलाफ भी नागरिकों की नाराजगी देखने को मिल रही है।