रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि मत्स्य पालन को खेती का दर्जा देकर राज्य सरकार ने मछुआरों को हित में निर्णय लिया है। सरकार के इस निर्णय से राज्य के मछुआरों को अब किसानों की तरह ऋण एवं अन्य सुविधाएं मिलेंगी। सहकारी बैंकों से मछुआरों को सहजता से ऋण मिलेगा। मुख्यमंत्री बघेल ने ठकुराइन टोला में निषाद समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यहां मंदिर में भगवान शिव के दर्शन कर पूजा-अर्चना की।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर लोगों को महाशिवरात्रि पर्व की बधाई देते हुए कहा कि आज पावन त्यौहार है। आप सभी के ऊपर भगवान शिव की कृपा बनी रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि निषाद समाज सामाजिक कार्यों में अग्रणी रहा है। निषाद राज रामायण के आदर्श पात्र रहे हैं। भगवान श्रीराम जब अयोध्या वापस लौटे और उनके राज्य अभिषेक की तैयारी की जाने लगी, तो उन्होंने सबसे पहले पूछा कि निषादराज को आमंत्रित किया गया है या नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस के मौके पर दूसरे देशों के अतिथियों को आमंत्रित करना, भगवान श्रीराम की उस परम्परा का निर्वाह हैं, जिस तरह से निषाद राज का सर्वोच्च सम्मान भगवान श्रीराम ने किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन मत्स्य पालकों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी। खेती-किसानी के साथ ही पशुपालन और मत्स्य पालन जैसी गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों की वजह से लोग कृषि की ओर वापस लौटे हैं। किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राशि ऐसे समय में प्रदान की गई, जब किसानों को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना से किसानों एवं ग्रामीणों को रोजगार व अतिरिक्त आय का जरिया मिला है। उन्होंने कहा कि पशुपालन, खेती और मत्स्य पालन से ग्रामीणों तरक्की का रास्ता खुला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में जूट मिलें बंद रही जिससे बारदानों का संकट आया। इसके बावजूद भी सरकार ने धान खरीदी की मुकम्मल व्यवस्था की और किसानों को धान खरीदा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ग्रामीण विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में प्रतिबद्ध है और हम लगातार इस दिशा में कार्य करते रहेंगे। इस अवसर पर गुंडरदेही विधायक कुंवर निषाद एवं अन्य अतिथि मौजूद थे।