दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में सोमवार को भ्रष्टाचार और कथित घपले-घोटालों के मामलों से सदन गरमाया रहा। मौके पर मौजूद अधिकारी सदस्यों के सवालों का ठीक से जवाब नहीं दे पाए। सर्वाधिक किरकिरी की स्थिति सिरसाकला पंचायत सचिव के कथित घपले घोटाले के मामले में हुई। सदस्यों का आरोप था कि सचिव पर घपले-घोटाले के चार आरोप लग चुके हैं। विभागीय जांच में इसकी पुष्टि भी हो चुकी है, लेकिन अफसर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इस पर बचाव की मुद्रा में अफसरों ने कह दिया कि पंचायत सचिव कैंसर का मरीज है। इससे सदस्य भड़क गए और दो टूक लहजे में कह दिया कि कैंसर के मरीज है, तो अफसर उन्हें घोषित तौर पर भ्रष्टाचार और घपले-घोटाले का लायसेंस जारी कर दें।
मामला मंत्री रूद्र गुरू के प्रतिनिधि के रूप में बैठक में शामिल पूर्व जिला पंचायत सदस्य जयंत देशमुख ने उठाया। उन्होंने बताया कि सिरसाकला के पंचायत सचिव राकेश वर्मा पर बिना पंचायत प्रस्ताव 33 लाख रुपए से ज्यादा आहरित कर लेने का आरोप है। जनपद पंचायत की जांच में इसकी पुष्टि भी हो चुकी है। इससे पहले पंचायत सचिव इसी तरह के मामले में बोरई में एक साल सस्पेंड रह चुका है। इसके अलावा चंदखुरी में पदस्थापना के दौरान बिना प्रस्ताव राशि आहरण और नगपुरा में शौचालय निर्माण में घोटाले के मामले की भी पुष्टि हो चुकी है। इन तमाम मामलों के बाद भी सचिव के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस पर अफसरों ने सीधे कोई उत्तर के बजाय सचिव के बचाव की मुद्रा में गोलमोल जवाब देना शुरू कर दिया। अफसरों का कहना था कि पंचायत सचिव कैंसर का मरीज है, इसलिए कार्रवाई नहीं हो पाई है। इस पर सदस्य बिफर गए। सदस्यों का कहना था कि बीमारी से सचिव को भ्रष्टाचार की छूट नहीं दी जा सकती। यदि ऐसा नहीं है तो अधिकारी सचिव को घपले-घोटाले के लिए लायसेंस जारी करवा दें। सदस्यों की नाराजगी को देखते हुए अफसरों ने अंतत: सचिव को जल्द बर्खास्त करने का भरोसा दिलाया।
नोनी सुरक्षा पर अफसर का जवाब एक साल से सर्वर डाउन
सदस्यों के कई सवालों पर अफसरों के चौकाने वाले जवाब भी सामने आए। सदस्य चंद्रकला मनहर ने नोनी सुरक्षा योजना का मामला उठाया। उन्होंने बताया कि चार साल से कई हितग्राहियों को बॉंड पत्र भी नहीं मिल पाया। इस पर अफसर ने बताया कि पिछले एक साल से सर्वर डाउन चल रहा है, इसलिए प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पा रहे। जवाब पर सदस्यों का असंतोष सामने आया।
प्रस्ताव के बाद भी नहीं की घटिया निर्माण की जांच
बैठक में घटिया निर्माण पर जिपं में प्रस्ताव के बाद भी कार्रवाई नहीं होने का मामला भी उठा। सदस्य चंद्रकला मनहर ने बताया कि धमधा के पेंड्रीतराई पिटौरा नंदिनी खुंदनी में चेक डेम की क्वालिटी बेहद खराब है। इसकी पिछली बैठक में जांच का प्रस्ताव पारित किया गया था, लेकिन अफसरों ने जांच नहीं की। इस पर आरईएस के ईई अमित अग्रवाल ने जांच व कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
मुरुम माफिया ने धमकाया, फिर भी नहीं की कार्रवाई
बैठक में अवैध मुरुम खनन का भी मामला उठा। अध्यक्ष शालिनी यादव, सदस्य योगिता चंद्राकर, जनपद अध्यक्ष देवेंद्र देशमुख, मंत्री ताम्रध्वज साहू के प्रतिनिधि रिवेंद्र यादव ने यह मामला उठाया। उनका कहना था कि खेदामारा में अवैध खनन पर आपत्ति करने पर खननकर्ता ने जिपं सदस्यों को धमकी दी थी। इसके बाद भी खनिज विभाग द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। सदस्यों ने अफसरों की मिलीभगत के आरोप लगाए।
बारदाना संकट पर फूटी सदस्यों की नाराजगी
धान खरीदी में अव्यवस्था व बारदाना संकट पर भी सदस्यों की नाराजगी सामने आई। सांसद विजय बघेल के प्रतिनिधि मनोज शर्मा ने यह मामला उठाया। उनका कहना था कि धान का उठाव नहीं होने व बारदान संकट के कारण खरीदी लगभग बंद की स्थिति में है, लेकिन अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस पर खाद्य अधिकारी सीपी दीपांकर ने बताया कि बारदानों की व्यवस्था हो गई है। एक सप्ताह में सभी केंद्रों में पर्याप्त बारदाना पहुंच जाएगा।
सदस्यों का दावा गोबर खरीदी बंद, अफसरों ने कहा चालू
गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी के मामले में सदस्य व अधिकारी एक बार फिर आमने सामने हो गए। सदस्य जितेंद्र साहू का आरोप था कि अधिकतर गोठान में गोबर खरीदी बंद कर दी गई है। जबकि अधिकारियों का दावा था कि गोबार खरीदी की जा रही है। इस पर सदस्यों ने खरीदी के आंकड़े सामने रखने की मांग की, लेकिन अधिकारियों ने ऑनलाइन चेक कर लेने की बात कहकर टाल दिया।