रायपुर (छत्तीसगढ़)। प्रदेश शासन ने गौठानों में उत्पादित वर्मी कंपोस्ट की न्यूनतम विक्रय दर 8 रुपए प्रति किलो से बढ़ाकर न्यूनतम10 रुपए प्रति किलोग्राम कर दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर कृषि उत्पादन आयुक्त ने इस आशय का आदेश जारी कर दिया गया है।
बता दें कि प्रदेश में इस साल हरेली पर्व से देश की अपनी तरह की पहली गोबर खरीदी की अभिनव योजना गोधन न्याय योजना प्रारंभ की गई है, जिसके तहत 2 रुपए प्रति किलोग्राम पर ग्रमीणों, किसानों और पशुपालकों से गोबर खरीदी की जा रही है। गोधन न्याय योजना में अब तक 1.36 लाख गोबर विक्रेताओं को उनसे खरीदे गए गोबर के मूल्य के रूप में 59.08 करोड़ रूपए का भुगतान मुख्यमंत्री द्वारा ऑनलाइन उनके खातों में किया जा चुका है।
छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना के तहत प्रदेश में स्वीकृत 6430 गौठानों में से 4487 गौठानों में गोबर खरीदी का कार्य किया जा रहा है। खरीदे गए गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए गौठानो में अब तक 44 हजार टांकों का निर्माण किया गया है और 16 हजार टांके बनाए जा रहे हैं। अब तक प्रदेश में 8000 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन गौठनों में हो चुका है और 1000 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट की बिक्री की जा चुकी है। प्रदेश के हजारों महिला स्व सहायता समूह गौठनों में गोबर से वर्मी कंपोस्ट तैयार करने का काम कर रहे हैं, वर्मी कंपोस्ट की न्यूनतम विक्रय दर में वृद्धि से उनकी आय में इजाफा होगा। इस योजना के तहत राज्य शासन द्वारा प्रदेश के हर जिले में वर्मी कंपोस्ट की गुणवत्ता की जांच के लिए प्रयोगशाला स्थापित करने की भी योजना है।