कृषि आधारित व्यवसायों की बेहतरी के लिए करें हर संभव प्रयास : प्रभारी सचिव

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। प्रभारी सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेसी ने जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से कहा है कि कृषि आधारित कारोबार की बेहतरी के लिए हर संभव प्रयास किए जाए। इसके लिए शासन द्वारा लागू विभिन्न योजना के अमल के प्रति अधिकारी गंभीर रहें। प्रभारी सचिव ने आज यहां विभागीय योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि किसानों की सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए।
समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि जिले में पिछले साल की तुलना में इस बार धान का रकबा बढ़ा है जिससे पिछले साल की तुलना में दस फीसदी अधिक खरीदी होने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे में आने वाले समय में धान की आवक तेजी से बढ़ेगी। इस स्थिति का ध्यान रखते हुए किसानों की सुविधाओं के अनुरूप धान खरीदी केंद्रों में आगामी समय की प्लानिंग कर ले। उन्होंने कहा कि जहां रकबा त्रुटिपूर्ण दर्शाये जाने के संबंध में आवेदन किसानों ने दिये हैं। उन आवेदनों पर शीघ्रता से कार्रवाई करें। खरीदी केंद्रों में बारदाने की व्यवस्था मुकम्मल रखें। लघु एवं सीमांत किसानों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखें। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बताया कि बारदाने की व्यवस्था सभी खरीदी केंद्रों में कर दी गई है। सभी समिति प्रबंधकों को निर्देश दिये गए हैं कि आगामी समय में बढऩे वाली प्लानिंग के मुताबिक व्यवस्था कर लें। रोज सुबह दस बजे इस संबंध में मानिटरिंग की जाती है। जिले में धान खरीदी संतोषजनक है। शासन के निर्देशानुसार खरीदी केंद्रों में चबूतरे बना लिये गए हैं। प्रभारी सचिव ने कहा कि अभी निर्माण कार्यों का सीजन है खूब मेहनत करें। लोगों की सुविधा का पूरा ध्यान रखें।
मिल्क रूट को करें मजबूत
प्रभारी सचिव ने कहा कि नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना के माध्यम से खेती से जुड़े फायदों के साथ पशुधन संवर्धन से जुड़े लाभ भी हैं। नस्ल संवर्धन के लिए कार्य किये जा रहे हैं। शासन ने ऐसी परिस्थिति बनाई है जिससे पशुधन से किसानों को लाभ काफी बढ़ा है। इस नई परिस्थिति के मुताबिक मिल्क रूट को मजबूत करना है। मिल्क रूट में पडऩे वाले गाँवों में पशुपालक किसानों को किस तरह से मजबूत किया जा सकता है। इस पर पशुधन विकास विभाग कार्य करें। उन्होंने कहा कि अजोला आदि से उत्पादकता तेजी से बढ़ती है। उन्नत नस्ल के साथ ही उन्नत पोषण से पशुधन संवर्धन की स्थिति मजबूत होगी और इससे मिल्क रूट भी मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि गौठानों में मुर्गी शेड आदि पर भी कार्य हो ताकि आजीविका का जरिया भी मिल पाये और आंगनबाडिय़ों के माध्यम से बच्चों को अंडे भी दिये जा सकें। कलेक्टर ने बताया कि कुर्मीगुंडरा जैसे गौठान में महिलाओं ने आस्ट्रेलियन प्रजाति के केंचुए पाले हैं तथा इनका विक्रय भी कर रही हैं।
पैरादान के लिए करें जागरूक
प्रभारी सचिव ने कहा कि अभी पैरादान सबसे अहम कार्य है। खरीफ में हुए पैरादान से लंबे समय तक गौठानों में पशुओं के लिए चारा उपलब्ध होगा। इसके लिए गाँव वालों को प्रेरित करें। पिछले साल भी पूरे प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने इसमें बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था। इस बार भी सामुदायिक भागीदारिता से गौठानों के लिए अधिकतम पैरा एकत्रित करें ताकि गौठानों की व्यवस्था मुकम्मल हो सके।