सीएम की घोषणा से फिर बनी आस, जल्द संवरेंगी रविशंकर स्टेडियम की तकदीर, कलेक्टर ने किया मुआयना

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। शहर के बरसों से उपेक्षित रविशंकर स्टेडियम की तस्वीर जल्द ही संवरने की आस खेल प्रेमियों में बंधी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा स्टेडियम के उन्नयन की घोषणा सांकरा में हार्टिकल्चर यूनिवर्सिटी के भूमिपूजन के अवसर पर की थी। इसके लिए बजट प्रपोजल हेतु प्रस्ताव भेज दिया गया है। बता दें कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा भी इस संबंध में घोषणा की गई थी। लेकिन राजनैतिक इच्छा शक्ति के आभाव में और अफसरों की लाल फीताशाही की वजह से घोषणा मूर्त रूप नहीं पाई थी। इस स्टेडियम का उपयोग यहां के राजनीतिज्ञों ने रावण दहन व सुआ नाच जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर अपनी राजनीति चमकाने के लिए जरूर किया, लेकिन इसके उन्नयन के लिए कभी सार्थक प्रयास नहीं किया।

स्टेडियम के उन्नयन के लिए आज कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने मौका मुआयना किया। उन्होंने विस्तार से परिसर का निरीक्षण किया। भेजे गए प्रपोजल के साथ रिनोवेशन के महत्वपूर्ण बिन्दुओं के संबंध में ईई पीडब्ल्यूडी अशोक श्रीवास से चर्चा की। श्रीवास ने बताया कि लगभग 99 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें आउटडोर गेम्स के साथ ही इंडोर गेम्स से संबंधित एक्टिविटी भी हो पाएंगी। कलेक्टर ने पूरे परिसर में प्रस्तावित प्रोजेक्ट में एंट्री प्वाइंट से एक्सिट प्वाइंट से लेकर खेल गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने पूरे परिसर का निरीक्षण किया और यहां खिलाड़ियों से भी चर्चा की। यहां खिलाड़ियों के अतिरिक्त सेना एवं पुलिस में भर्ती के लिए प्रैक्टिस कर रहे युवा भी शामिल थे। उन्होंने लेडीज टायलेट की सुविधा के बारे में कहा। कलेक्टर ने नगर निगम आयुक्त को इस संबंध में निर्देश दिये। कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशानुरूप स्टेडियम की अधोसंरचना को अपग्रेड करने प्रस्ताव भेज दिया गया है। इसके रिनोवेशन से खेल गतिविधियों को काफी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए फीडबैक देते रहिये, जिला प्रशासन इसके अनुरूप कार्य करेगा।
यहां वर्ल्ड कप विजेता टीम का मैच देखने आये थे ईई
चर्चा के दौरान रविशंकर स्टेडियम में होने वाले महत्वपूर्ण खेलों के संबंध में चर्चा भी हुई। ईई पीडब्ल्यूडी ने चर्चा के दौरान कलेक्टर को बताया कि वे इस स्टेडियम में मैच देखने स्कूलिंग के दौरान बालाघाट से आये थे। उस समय 1983 की वर्ल्ड कप विजेता टीम यहां प्रदर्शन मैच के लिए आई थी। इसमें कपिल देव को छोड़कर टीम के सारे खिलाड़ी मौजूद थे, यह घटना बहुत यादगार रही। संयोग है कि श्रीवास ही अब इस स्टेडियम के निर्माण की मानिटरिंग करेंगे।