रायपुर (छत्तीसगढ़)। हाल ही में नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी को डिफ्यूज करने में सुर्खियों में आई दो महिला कमांडो ने एक और साहसिक कारनामा कर दिखाया है। उन्होंने अपहृत एक बुजुर्ग को नक्सलियों के कब्जें से सुरक्षित बाहर निकाला। बता दें कि दोनों महिला कमांडो आत्मसमर्पित नक्सली है। वर्तमान में डिस्टि्रक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) में कमांडो हैं। घटना नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले की है। बुजुर्ग दंपती बेटी के घर सूरनार जाते के लिए निकले थे। शुक्रवार सुबह नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम विस्फोट से घायल हो गए। बुजुर्ग हुंगा किसी तरह सूरनार पहुंच गए थे, परंतु उनकी पत्नी कोसी को नक्सलियों ने अपने कब्जे में ले लिया था। दंतेवाड़ा के एसपी डा. अभिषेक पल्लव के अनुसार महिला कमांडो ने बहादुरी के साथ बुजुर्ग महिला कोसी को बाहर निकाला।
नक्सली वृद्धा को छिपाने के लिए आठ से दस घरों में ले जाते रहे, लेकिन महिला कमाडो उन्हें छुड़ाने में सफल रहीं। शुक्रवार रात दस बजे एंबुलेंस से उन्हें दंतेवाड़ा जिला अस्पताल पहुंचाया गया। बुजुर्ग महिला को नक्सलियों से छुड़ाने वाली महिला कमांडो लक्ष्मी कश्यप और विमला कवासी आत्समर्पित नक्सली हैं और अब डिस्टि्रक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) में कमांडो हैं। इन्होंने ही दो दिन पहले आइईडी को डिफ्यूज किया था। राज्यपाल अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी उनकी काफी सराहना की थी।