नई दिल्ली। बिना मास्क पहने वाहन चलाने पर पुलिस द्वारा 500 रुपये का चालान काटने के खिलाफ एक अधिवक्ता ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। चालान काटने को चुनौती देते हुए अधिवक्ता सौरभ शर्मा ने इसे निरस्त करने व मानसिक प्रताड़ना करने के लिए दस लाख रुपये का मुआवजा की मांग की है। न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने याचिका पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, दिल्ली सरकार, दिल्ली आपदा प्रबंधन समिति (डीडीएमए) और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी।
अधिवक्ता केसी मित्तल के माध्यम से दायर याचिका में अधिवक्ता सौरभ ने बताया है कि कि नौ सितंबर को वह दफ्तर जा रहे थे तभी दिल्ली पुलिस ने बिना मास्क के कार चलाने को लेकर पांच सौ रुपए का चालान कर दिया, जबकि कार सार्वजनिक स्थल नहीं है। उन्होंने दलील दी है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश के तहत निजी कार के अंदर नहीं सार्वजनिक स्थल में मास्क पहनने को कहा गया है।
वकील ने कहा कि इस दौरान पुलिस ने उस दलील को भी अस्वीकार कर दिया कि चालान पर्ची पर लिखा जाए कि वह कार में अकेले थे। उन्होंने कहा कि कार के अंदर अकेले होने के बाद भी मास्क न लगाने पर पांच सौ रुपये का चालान करना अवैध व मनमाना है। उन्होंने कहा कि डीडीएमए द्वारा दिशानिर्देश में बस यही है कि सार्वजनिक स्थल पर मास्क पहनना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं निजी कार में अकेले होने के दौरान मास्क पहनना अनिवार्य होने के संबंध में जारी किया गया कोई भी दिशानिर्देश अधिकारी नहीं दिखा सके।
सुनवाई के दौरान डीडीएमए के वकील ने पीठ को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कार को भी सार्वजनिक स्थल माना है और इसीलिए चालान काटना सही है। दिशानिर्देश के तहत पहली बार मास्क नहीं पहनने पर पांच सौ रुपए का जुर्माना एवं उसके बाद भी नहीं पहनने पर हर बार हजार रुपए के जुर्माना का प्रावधान किया गया है।