रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) द्वारा भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के प्रावधानों के उल्लंघन पर रियल एस्टेट एजेन्ट पर दस हजार रूपए का जुर्माना लगाया गया है। निर्देशित किया गया है कि उक्त शास्ति की राशि 10 हजार रूपए दो माह के भीतर प्राधिकरण में जमा करना सुनिश्चित करे। साथ ही यह अंतिम चेतावनी दी गई है कि उनके द्वारा पुनः अधिनियम की प्रावधानों का उल्लंघन करने पर प्रदत्त रेरा रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाएगा।
रेरा की रजिस्ट्रार डॉ. अनुप्रिया मिश्रा से प्राप्त जानकारी के अनुसार रियल एस्टेट एजेन्ट मनोज राजपुत ले-आउट प्रा.लि. द्वारा बिना छत्तीसगढ़ रेरा के रजिस्ट्रेशन का उल्लेख किये हुए 20 अगस्त 2019 को समाचार पत्र में विज्ञापन जारी किया गया था। भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा-3 (1) के प्रावधान अनुसार रेरा में पंजीयन के बिना किसी भी भूखण्ड, अपाटमेंट या भवन आदि को किसी भी रीति से विज्ञापित, विपणित, बुक, विक्रय या विक्रय करने की प्रस्थापना अथवा किराये के लिए व्यक्तियों को आमंत्रित नहीं किया जा सकता है। इस प्रावधान का उल्लंघन करने के कारण प्राधिकरण द्वारा मनोज राजपुत ले-आउट प्रा.लि. को प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुत होने के लिए 17 सितम्बर 2019 को नोटिस जारी किया गया।
प्रकरण के सुनवाई के दौरान यह तथ्य संज्ञान में आया की संबंधित रियल एस्टेट एजेन्ट रेरा में पंजीकृत नहीं है और न ही उनके नाम से नगर निवेश कार्यालय दुर्ग में किसी प्रकार के ले-आउट स्वीकृत है। प्रकरण की सुनवाई के दौरान अनावेदक ने अपनी फर्म का 08 जनवरी 2020 को रियल एस्टेट एजेंट के रूप में छत्तीसगढ़ रेरा में पंजीयन भी कराया है, जिसका पंजीयन क्रमांक-CGRERA080120A000451 है। नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय, जिला-दुर्ग (छत्तीसगढ़) से 21 जनवरी 2020 को प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार अनावेदक के फर्म के नाम पर कोई भी ले-आउट स्वीकृत नहीं है। भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा-9 के अधीन रजिस्ट्रीकृत प्रत्येक भू-संपदा अभिकर्ता के दायित्व का उल्लेख है कि भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा-10 (क) के अनुसार- ’किसी भी भू-संपदा परियोजना में यथास्थिति, किसी भूखण्ड, अपार्टमेंट या भवन या उसके भाग का, जिसका ऐसे संपवर्तक द्वारा किसी योजना क्षेत्र में, जो प्राधिकरण के पास रजिस्ट्रीकृत नहीं है, विक्रय किया जा रहा है, विक्रय या क्रय सुकर नहीं बनायेगा।’ इसी प्रकार भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा-10 (ग) (पप) के अनुसार- ’किसी समाचार पत्र में या अन्यथा उन सेवाओं के बारे में, जिनकी प्रस्थापना किया जाना आशयित नहीं है, किसी विज्ञापन के प्रकाशन को अनुज्ञात करने की दृष्टि से आलिप्त नहीं करेगा।’ पंजीकृत एजेंट होते हुए भी अधिनियम के प्रावधान का पालन नहीं किया गया। भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है।
भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा-62 के अनुसार यदि कोई भू-संपदा अभिकर्ता जान बूझकर धारा-9 या धारा-10 के उपबंधों का अनुपालन करने में असफल रहता है, उनका उल्लंघन करता है, तो वह ऐसे प्रत्येक दिन के लिए जिसके दौरान ऐसा व्यतिक्रम जारी रहता है, 10 हजार रूपए की शास्ति के लिए जो संचयी रूप से भू-संपदा परियोजना के यथास्थिति, भूखण्ड, अपार्टमेंट या भवन, जिसके लिए विक्रय या क्रय सुकर बनाया गया है, प्राधिकरण द्वारा यथा अवधारित लागत के 5 प्रतिशत तक का दायी होगा। चूंकी मनोज राजपुत ले-आउट प्रा.लि. द्वारा भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 धारा-10 के उपबंधों का उल्लंघन किया है।