2000 फीट जमीन के नीचे सहेजकर कर रखें जाएंगे श्रीराम जन्मभूमि से जुड़े साक्ष्य, बनाया गया टाइम केप्सूल

नई दिल्ली। श्रीराम जन्मभूमि भूमि को लेकर भविष्य में विवाद की स्थिति निर्मित न हो इसके लिए जमीन से 2000 फीट नीचे साक्ष्यों को सहेज कर रखा जाएगा। पांच अगस्त को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर निर्माण की नींव रखेंगे, तब नींव से करीब 2000 फीट नीचे मंदिर से जुड़े कई सबूत और ऐतिहासिक जानकारियों को भी सहेज कर रखा जाएगा। इसके लिए एक टाइम कैप्सूल बनाया गया है। इसके अंदर इन सब साक्ष्यों को रखकर जमीन के भीतर दफना दिया जाएगा ताकि आने वाली पीढ़ियों में कभी इस तरह का विवाद हो तो सच्चाई का पता लग सके। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने यह जानकारी दी है।
आपको बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की घड़ी अब नजदीक आती जा रही है। भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण का रास्ता अदालत के माध्यम से निकला है। इसके लिए लगभग 500 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी गई। अदालती कार्रवाई के दौरान दोनों पक्षों की ओर से दलीलें दी गईं। हजारों सबूत पेश किए गए।भविष्य में फिर से ऐसा कोई सवाल या विवाद न खड़ा हो, इसके लिए यह अहम निर्णय लिया गया है।

इंदिरा गांधी ने भी रखा था टाइम केप्सूल
टाइम कैप्सूल को जमीन के भीतर रखने का यह पहला मामला नहीं होगा। भारत के इतिहास में इससे पहले भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ऐसा कर चुकी हैं। जेएनयू के प्रोफेसर आनंद रंगनाथन ने एक तस्वीर ट्वीट कर यह जानकारी दी। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने 15 अगस्त, 1973 को लालकिले के पास एक टाइम कैप्सूल जमीन में दबाया था। हालांकि यह पता नहीं चल सका है कि उसमें क्या साक्ष्य थे और क्या जानकारियां थीं, जिसे सहेजा गया था। 

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