दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिले में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे है। रविवार को 28 से अधिक लोगों के कोरोना पॉजिटिव मिलने की जानकारी सामने आई है। जिनमें 12 पॉजिटिव मरीज दुर्ग जिला पंचायत के कर्मचारी है, वहीं 8 मरीज बीएसएफ के जवान बताए गए है। जिला अस्पताल में एक गर्भवती महिला भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई है। श्री शिवम शो रुम में कुछ कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव मिले है। इसके अलावा सब्जी मंडी का एक कारोबारी भी कोरोना संक्रमित पाया गया है। लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या के कारण जिले में अब तक कुल संक्रमित मरीज 500 के पार पहुंच गई हैं।
जिससे जिला स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए लोगों का डाटा जुटाना शुरु कर दिया है।
जिला स्वास्थ्य विभाग के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमण ने अब शासकीय कार्यालयों में भी अपने पांव पसार लिए है। जिसका ताजा उदाहरण दुर्ग जिला पंचायत कार्यालय है। शनिवार को यहां की एक महिला कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई थी। उसके बाद रविवार को दुर्ग जिला पंचायत के 11 कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव मिलने से अन्य पंचायत कर्मी सकते में आ गए है। इन पॉजिटिव मरीजों में पुरुषों के अलावा महिला कर्मचारी भी शामिल है। बताया गया है इन कर्मचारियों की संदेह के आधार पर 3 दिन पहले कोरोना जांच के लिए सैम्पल लिए गए थे। जिनमें से 1 कर्मचारी की शनिवार व 11 कर्मचारी की जांच रिपोर्ट रविवार को पॉजिटिव आई है।
शासकीय क्वॉरेंटाइन सेंटर सेक्टर 3 एवं सेक्टर 4 के प्रभारी तथा जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ अनिल शुक्ला ने बताया कि रविवार को 17 कोरोना संक्रमित मरीज मिले है। जिसमें से 8 बीएसएफ के जवान शामिल है। शेष 9 मरीज ग्रामीण क्षेत्रों से मिले हैं। जिसमें खर्रा बोरी दुर्ग के 4 मरीज शामिल है । जिसमें 2 महिला व दो पुरुष है। इसी प्रकार से नंदिनी नर्सिंग होम धमधा से दो महिलाएं पॉजिटिव पाई गई है। जबकि दो पुरुष मरीज बाजार पारा
धमधा से हैं। एक महिला मरीज बरहापुर दुर्ग से है । सभी मरीजों को ट्रेस करके भर्ती करने की तैयारी की जा रही है।
नहीं किया जा रहा गाइडलाइन का पालन
जिला पंचायत कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद इसके लिए कुछ कर्मचारी पंचायत के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते नजर आ रहे है। कर्मचारियों का दबे जुबान से कहना है कि कोरोना संक्रमण काल में यहां शासन के 33 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थित के निर्देशों का पालन नहीं किया गया। इसके विपरित शत-प्रतिशत कर्मचारियों को ड्यूटी पर बुलाया गया। जिससे सोशल डिस्टेसिंग का पालन सुनिश्चित नहीं हो पाया। संक्रमण मामले में दुर्ग रेड जोन में होने के बावजूद आला अधिकारियों द्वारा सतर्कता नहीं बरती गई। जिसका खामियाजा कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है।