भरतपुर, छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार को भरतपुर विकासखंड के माथमौर गांव में औचक निरीक्षण के दौरान प्रतिभावान विद्यार्थियों से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कुवांरपुर की 10वीं कक्षा की छात्रा कंगना बैगा को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि पर बधाई दी। बैगा समुदाय से संबंध रखने वाली कंगना ने हाई स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा में 83.67 प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रदेश और अपने समुदाय का गौरव बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री ‘सुशासन तिहार 2025’ के अंतर्गत आयोजित समाधान शिविरों के निरीक्षण हेतु क्षेत्रीय भ्रमण पर थे। निरीक्षण के दौरान जब उन्हें कंगना बैगा की सफलता की जानकारी मिली, तो वे स्वयं उससे मिलने पहुंचे और विद्यार्थियों से आत्मीय संवाद किया।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कंगना बैगा, मीनाक्षी शुक्ला और 12वीं के अन्य मेधावी विद्यार्थियों को पेन भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने विद्यार्थियों से उनकी शिक्षा, करियर की योजनाओं और रुचियों के बारे में विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा,
“हमारे राज्य के सुदूर अंचलों में शिक्षा को लेकर बच्चों में जो जागरूकता आई है, वह अत्यंत प्रशंसनीय है। विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों के बच्चे अब प्रदेश की मेरिट सूची में स्थान प्राप्त कर रहे हैं। यह बदलाव हमारे शिक्षा और जनकल्याण कार्यक्रमों की सफलता का प्रमाण है।”
बैगा जनजाति, जिसे राष्ट्रपति द्वारा दत्तक लिए गए समुदायों में गिना जाता है, सदियों से वनों में रहकर जीवन यापन करती आई है। ऐसे समुदाय की छात्रा का शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। सुशासन तिहार जैसे अभियान इसके माध्यम से नागरिकों से सीधा संवाद स्थापित करने और उनकी समस्याओं के समाधान का सशक्त प्रयास हैं।
कंगना बैगा की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार और विद्यालय के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि प्रतिभा किसी सीमित संसाधन या भौगोलिक स्थिति की मोहताज नहीं होती।
