छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर-अंबिकापुर हवाई सेवा का किया शुभारंभ, इसे बताया ऐतिहासिक दिन

रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज (19 दिसंबर) रायपुर-अंबिकापुर हवाई यात्रा मार्ग का शुभारंभ करते हुए इसे राज्य के लिए ऐतिहासिक दिन बताया। स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डे पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सेवा राज्य के पर्यटन, औद्योगिक और आर्थिक क्षेत्रों में विकास को गति प्रदान करेगी।

साय ने कहा, “यह नई हवाई सेवा न केवल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी, बल्कि आर्थिक और औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा देगी। इससे व्यापार और पर्यटन को भी लाभ होगा।” इस मार्ग पर फ्लाईबिग एयरलाइंस का ट्विन ऑटर विमान, जिसमें 19 सीटें हैं, परिचालित होगा।

सस्ती हवाई यात्रा का सपना हुआ साकार
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस सेवा का शुरुआती किराया मात्र ₹999 रखा गया है, जिससे आम जनता भी इसका लाभ उठा सकेगी। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में आई सकारात्मक बदलावों का एक उदाहरण बताया।

साय ने कहा कि अंबिकापुर के मां महामाया हवाई अड्डे का 80 करोड़ रुपये की लागत से विकास किया गया है। यह हवाई अड्डा “3 सी वीएफआर श्रेणी” के लाइसेंस के साथ तैयार है और 72 सीटों वाले एटीआर-72 विमान के संचालन के लिए उपयुक्त है।

भविष्य की योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंबिकापुर को वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, दिल्ली और कोलकाता से जोड़ने की योजना पर कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि नई औद्योगिक नीति में होमस्टे और रिसॉर्ट्स जैसे उद्यमों को प्रोत्साहन दिया गया है, जिससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के बड़े अवसर पैदा हो रहे हैं।

नक्सलवाद पर राज्य की प्रगति
साय ने नक्सलवाद के खिलाफ राज्य की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “पिछले वर्ष में 220 से अधिक नक्सलियों को मारा गया है और 1500 से अधिक ने आत्मसमर्पण किया है या गिरफ्तार हुए हैं। हमें भरोसा है कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद का समूल नाश हो जाएगा।”

उन्होंने इस सफलता का श्रेय केंद्र और राज्य सरकार की “डबल इंजन सरकार” की रणनीति को दिया।

अंबेडकर के प्रति सम्मान पर प्रतिक्रिया
कांग्रेस के विरोधों पर टिप्पणी करते हुए साय ने कहा, “इतिहास देखें तो पता चलेगा कि डॉ. अंबेडकर जी का अपमान किसने किया। हमारी सरकार ने उनके सम्मान में पंचतीर्थ का निर्माण कराया और संसद में उनका चित्र लगाने का कार्य किया।”

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