छत्तीसगढ़ में बाढ़ का कहर: शिवनाथ नदी में जलस्तर बढ़ने से 50 लोगों का बचाव

छत्तीसगढ़ में शिवनाथ नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। लगातार बारिश और जलाशयों के कैचमेंट क्षेत्रों में जलभराव के कारण कई बांधों से पानी छोड़ा गया है, जिससे बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है। इस मुश्किल घड़ी में राज्य आपदा राहत बल (SDRF) की टीम ने बहादुरी दिखाते हुए 50 से अधिक लोगों को सुरक्षित बचा लिया है, जो बाढ़ में फंसे हुए थे।

धमतरी जिले में भारी बारिश से हालात बिगड़े
धमतरी जिले में सोमवार से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण चार प्रमुख बांधों–गंगरेल, मडमसिली, दूधवा और सोंधुर–में भारी मात्रा में पानी आ गया है। गंगरेल बांध, जो छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा बांध है, अपनी पूरी क्षमता तक भर चुका है। इस स्थिति को संभालने के लिए जल संसाधन विभाग के एसडीओ भूपेंद्र सवानी ने बताया कि चारों बांधों के गेट खोलकर अतिरिक्त पानी को महानदी में छोड़ा जा रहा है। गंगरेल बांध से 25,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसके लिए इसके नौ गेट खोले गए हैं।

प्रशासन की चेतावनी
जिला प्रशासन ने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सावधान रहने के लिए लगातार मुनादी करवाई है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है। जलस्तर में वृद्धि से शिवनाथ नदी के आसपास के इलाकों में पानी घुसने का खतरा बढ़ गया है, जिससे बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है।

सुकमा जिले में भी गंभीर हालात
पिछले हफ्ते सुकमा जिले में भी भारी बारिश के कारण नदियों और नालों में उफान आ गया था। कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया था, जिससे आवश्यक सेवाएं बाधित हो गईं। वहां तैनात सुरक्षा बल और सीएपीएफ के जवान बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए आगे आए। नागारम के पास चिंतलनार थाना क्षेत्र में सैनिकों ने ग्रामीणों को बाढ़ से पार कराने में मदद की, जो इस कठिन समय में उनकी जान बचाने के लिए अहम साबित हुआ।

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