हिमाचल प्रदेश ने बरकरार रखी परंपरा : भाजपा को बेदखल कर कांग्रेस को सौंपी सत्ता, विधायकों चंडीगढ़ ले जाने की तैयारी

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों पर काउंटिंग जारी है। रुझानों में एक बार फिर पहाड़ का राज बदलता दिख रहा है, रिवाज नहीं। यानी 5 साल के बाद सरकार बदलने का सिलसिला इस बार भी नजर आ रहा है। कांग्रेस रुझानों में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने की ओर बढ़ रही है। इसी बीच सूत्रों से ये खबर भी आ रही है कि हिमाचल प्रदेश चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस विधायकों को चंडीगढ़ ले जा सकती है। कांग्रेस अपने सभी विजयी विधायकों को शिमला से दूसरे स्थान पर ले जा सकती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी विधायक की खरीद-फरोख्त न हो पाए। हिमाचल कांग्रेस के सभी विधायकों को जीत का प्रमाणपत्र मिलने के बाद चंडीगढ़ आने के लिए कहा गया है।

कांग्रेस पार्टी ने अब तक 19 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है, जबकि 20 पर आगे चल रही है। भाजपा 12 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है, 14 पर आगे चल रही है। अन्य कैंडिडेट्स ने 2 सीटों पर जीत हासिल की है और एक पर आगे चल रहे हैं। MCD में जीत दर्ज करने वाली AAP अभी तक खाता नहीं खोल पाई है।

सराज सीट से सीएम जयराम ठाकुर ने कांग्रेस के चेतराम ठाकुर को रिकॉर्ड 20 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया है। वे रिकॉर्ड 7वीं बार जीते हैं। मंडी जिले की सुंदरनगर सीट पर BJP के राकेश जमवाल ने कांग्रेस के सोहन लाल ठाकुर को 8,125 वोट से हराया है। ठाकुर के गृह जिले में भाजपा क्लीन स्वीप की ओर बढ़ रही है।

तीन मंत्री हारे
जयराम सरकार में मंत्री रहे डॉ. रामलाल मारकंडा लाहौल-स्पीति सीट से कांग्रेस के रवि ठाकुर से चुनाव हार गए हैं। कांगड़ा जिले की शाहपुर सीट से जयराम सरकार में मंत्री रहीं सरवीण चौधरी कांग्रेस के केवल सिंह पठानिया से चुनाव हार गईं। जयराम कैबिनेट में शहरी विकास मंत्री रहे सुरेश भारद्वाज शिमला जिले की कसुम्पटी सीट पर कांग्रेस के अनिरुद्ध सिंह से चुनाव हार गए। सुरेश भारद्वाज पिछले चार चुनाव शिमला शहरी सीट से जीते थे। BJP हाईकमान ने इस बार भारद्वाज की सीट बदलते हुए उन्हें कसुम्पटी सीट से टिकट दिया था।

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