दुर्ग (छत्तीसगढ़)। भारत सरकार की अधिसूचना द्वारा ग्लाइफोसेट और इसके व्युत्पाद के वितरण, बिक्री और उपयोग को निर्बंधित करते हुए यह प्रसारित किया गया है कि नाशीजीव नियंत्रण प्रचालकों के सिवाय कोई व्यक्ति ग्लाइफोसेट का उपयोग नहीं किया जाएगा तथा सभी पंजीकरण प्रमाण पत्र धारक, ग्लाइफोसेट और उसके संजातों के लिए दिये गये पंजीकरण प्रमाण पत्र को लेबल और लीफलेट पर मोटे अक्षरों में ग्लाइफोसेट के उपयोग की अनुमति नाशीजीव नियंत्रण आपरेटरों (पीसीओ) के माध्यम से दिया जाएगा।
खरपतवार नाशक ग्लाइफोसेट के उपयोग से स्वास्थ्य को खतरा तथा मनुष्यों और जानवरों को जोखिम होने के संबंध में भारत सरकार द्वारा कीटनाशक अधिनियम, 1968 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, यदि पंजीकरण प्रमाण पत्र धारक कोई व्यक्ति निर्दिष्ट तीन महीने की अवधि के भीतर पंजीकरण समिति को प्रमाण पत्र वापस करने में विफल रहता है तो उक्त अधिनियम में अंतर्विष्ट उपबंधों के अधीन कार्रवाई का भागी होगा।

ग्लाइफोसेट एवं इसके व्युत्पाद का कारोबार करने वाले निर्माता/विक्रेताओं से अपील की जाती है कि वे भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना को अध्ययन कर, प्रदायित समयावधि के भीतर अपेक्षित कार्यवाही सुनिश्चित करें अन्यथा निर्बंधित ग्लाइफोसेट एवं इनके व्युत्पादों का वितरण, विक्रय करने पर कीटनाशी अधिनियम 1968 के अधीन बनाये गये नियमों के तहत कार्यवाही होगी।
