दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नियमित बिजली आपूर्ति नहीं किए जाने से परेशान किसानों ने आज ईडी कार्यालय का घेराव किया। किसानों की मांग थी कि सिंचाई पंपों के लिए लगातार बिजली की आपूर्ति की जाए। किसानों ने बताया कि जिला के किसान पिछले दस साल से सिंचाई पंपों की बिजली आपूर्ति में रोज 6 घंटों की कटौती करने से पहले से ही परेशान हैं।
किसानों ने बताया कि सावन के पूरे माह में अल्प वर्षा के कारण फसल खराब होने की स्थिति में आ गई है। जिसके कारण सिंचित खेती करने वाले किसान पूरी तरह सिंचाई पंपों पर निर्भर होकर किसी प्रकार अपने खेतों मे फसल को बचाने के लिये जद्दोजहद कर रहे हैं। संकट की इस घड़ी में कुदरत के अलावा सीएसपीडीसीएल भी किसानों के साथ क्रूर व्यवहार कर रही है। ऐसे समय में जब सिंचाई पंपों को चलाने के लिये किसानों को बिजली की सख्त जरूरत है। विभाग सही गुणवत्ता की बिजली आपूर्ति करने में विफल रही है। पिछले एक पखवाड़ा में ऐसा एक भी दिन नहीं रहा है, जब पंपों को चलाने के लिये लगातार 3-4 घंटों से अधिक निरंतर बिजली की आपूर्ति हुई हो।
अधिकांश किसान साल में सिर्फ खरीफ के 4 माह में ही सिंचाई पंपों के लिये बिजली का उपयोग करते हैं शेष 8 माह किसानों को बिजली की जरूरत नहीं पड़ती है ऐसे में किसान इस बात से आक्रोशित हैं कि सरप्लस बिजली उत्पादन वाले राज्य होने के बावजूद जरूरत के समय ही बिजली न मिले तब कनेक्शन लेने का क्या फायदा।
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने 4 अगस्त को विभाग के अधीक्षण अभियंता मौर्य और संभागीय अभियंता टण्डन को सिंचाई पंपों को बिजली आपूर्ति में बाधा के कारण उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया था, तब उन्होनें 3 दिन में सिंचाई पंपों की बिजली आपूर्ति में सुधार करने का भरोसा दिया था। किंतु निर्धारित समय में बिजली आपूर्ति में सुधार न होने से आक्रोशित आधा सैकड़ा किसानों ने किसान संगठन के नेतृत्व में आज सीएसपीडीसीएल के ईडी कार्यालय को लगभग एक घंटा तक घेरे रखा।
विभाग के ईडी संजय पटेल ने किसानों को आश्वासन दिया है कि 3 दिन में सिंचाई पंपों को रोज 15-18 घंटे तक लगातार बिजली देना सुनिश्चित कर दिया जायेगा इसके अलावा सभी बिगड़े ट्रांसफार्मरों को 5 दिनों के अंदर बदलकर लो वोल्टेज सहितअन्य समस्याओं को भी दुरूस्त कर दिया जायेगा। इस अवसर पर विभाग के एसई मौर्य और डीई टंडन भी उपस्थित थे। किसानों के आज के प्रदर्शन में मुख्य रूप से राजकुमार गुप्त, आई के वर्मा, झबेंद्र भूषण वैष्णव, पुरूषोत्तम वाघेला, उत्तम चंद्राकर, बद्रीप्रसाद पारकर, परमानंद यादव, प्रमोद पवांर, संतु पटेल, वेदनाथ हिरवानी, मंगलू राम बघेल,धर्मेश देशमुख, पुकेश्वर साहु, लल्लु राम, रामअवतार आदि शामिल थे ।