रायपुर (छत्तीसगढ़)। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) कार्यों में छत्तीसगढ़ वित्तीय वर्ष 2019-20 में देश के बड़े राज्यों में शीर्ष स्थान पर है। प्रदेश के लिए स्वीकृत 13 करोड़ मानव दिवस रोजगार के विरूद्ध यहां 13 करोड़ 61 लाख 84 हजार 269 मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है। यह लक्ष्य का 105 प्रतिशत है। मनरेगा में लक्ष्य के विरूद्ध प्रदर्शन के मामले में छत्तीसगढ़ देश के सभी बड़े-छोटे राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में चौथे स्थान पर है। इस मामले में केरल, नागालैंड और मेघालय ही प्रदेश से आगे है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने प्रदेश की इस शानदार उपलब्धि पर मनरेगा कार्यों को धरातल पर उतारने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को बधाई दी है। उन्होंने प्रशासनिक और मैदानी अमले की पीठ थपथपाते हुए इस वर्ष भी बेहतर प्रदर्शन जारी रखने को कहा है। उन्होंने विभागीय टीम का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि वर्ष 2019-20 में पूरे वर्ष भर मनरेगा के विभिन्न मानकों पर छत्तीसगढ़ ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार हासिल कर प्रदेश को गौरवान्वित किया है। वित्तीय वर्ष के आखिरी महीने मार्च में कोविड-19 के दस्तक से मनरेगा कार्यों के प्रभावित होने के बावजूद देश के शीर्षतम चार राज्यों में स्थान बनाना काफी सराहनीय है।
हाल ही में समाप्त वित्तीय वर्ष 2019-20 में मनरेगा कार्यों में प्रदेश के 18 जिलों ने लक्ष्य से अधिक दिनों का रोजगार सृजन किया है। शेष नौ जिलों में भी रोजगार सृजन 91 से 99 प्रतिशत तक है। मनरेगा में नक्सल प्रभावित जिलों ने बहुत अच्छा काम किया है। बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर और दंतेवाड़ा प्रदेश में लक्ष्य के विरूद्ध सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले जिले हैं। बीजापुर 219 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति के साथ प्रदेश में सबसे आगे है। सुकमा 149 प्रतिशत, नारायणपुर 128 प्रतिशत और दंतेवाड़ा 123 प्रतिशत के साथ क्रमशः दूसरे, तीसरे व चौथे स्थान पर है।
बीते वित्तीय वर्ष में राजनांदगांव जिले में सबसे अधिक एक करोड़ 46 लाख 36 हजार मानव दिवस का रोजगार सृजन हुआ है। बिलासपुर में 84 लाख 74 हजार मानव दिवस, कबीरधाम में 84 लाख 30 हजार, सूरजपुर में में 71 लाख 53 हजार, बलौदाबाजार-भाटापारा में 68 लाख 25 हजार, बालोद में 66 लाख 87 हजार, कांकेर में 64 लाख 53 हजार, गरियाबंद में 60 लाख 96 हजार, धमतरी में 59 लाख 85 हजार, महासमुंद में 57 लाख नौ हजार, कोरिया में 53 लाख 69 हजार, जशपुर में 53 लाख 47 हजार, बलरामपुर-रामानुजगंज में 50 लाख 24 हजार और में जांजगीर-चांपा में 48 लाख 74 हजार मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है।
वित्तीय वर्ष 2019-20 में रायपुर में 46 लाख सात हजार, मुंगेली में 40 लाख 76 हजार, सरगुजा में 38 लाख 35 हजार, रायगढ़ में 35 लाख 83 हजार, कोरबा में 34 लाख 67 हजार, बेमेतरा में 34 लाख 43 हजार, सुकमा में 33 लाख 92 हजार, दुर्ग में 33 लाख 77 हजार, कोंडागांव में 24 लाख 33 हजार, बस्तर में में 22 लाख 31 हजार, बीजापुर में 22 लाख दो हजार, दंतेवाड़ा में 16 लाख 98 हजार और नारायणपुर में आठ लाख 21 हजार मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ है।