रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर सख्त कदम उठाते हुए राजनांदगांव जिले में चल रही पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया।
भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का खुलासा
16 नवंबर 2024 को शुरू हुई पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में फिजिकल टेस्ट के अंकों में हेरफेर का मामला सामने आया। 16 दिसंबर को लालबाग थाने में इस संबंध में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। मामले की जांच के दौरान भर्ती प्रक्रिया से जुड़े दो आरक्षक, दो कंप्यूटर ऑपरेटर और एक अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया जा चुका है।
आरोपी आरक्षक की आत्महत्या
इस मामले ने गंभीर मोड़ तब ले लिया जब संदिग्ध आरक्षक अनिल रत्नाकर का शव 21 दिसंबर को फांसी पर लटका मिला। उनकी आत्महत्या ने पूरे घटनाक्रम को और गंभीर बना दिया, जिससे सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए भर्ती प्रक्रिया रद्द करने का निर्णय लिया।
सरकार का सख्त संदेश
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि सरकार भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस घटना ने पुलिस भर्ती प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है।
सरकार ने भरोसा दिलाया है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और भर्ती प्रणाली में सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
भर्ती प्रक्रिया में बड़े आंकड़े
- कुल आवेदन: 63,000 से अधिक।
- भर्ती प्रक्रिया: 16 नवंबर 2024 से शुरू।
- गड़बड़ी का खुलासा: फिजिकल टेस्ट अंकों में हेरफेर।
- कार्रवाई: दो आरक्षक, दो कंप्यूटर ऑपरेटर और एक अभ्यर्थी गिरफ्तार।
राजनांदगांव में हुई इस गड़बड़ी ने प्रशासन और भर्ती प्रक्रिया की खामियों को उजागर किया है। सरकार ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की बात कही है।