दुर्ग, 16 मई 2025।
कृषि विज्ञान केंद्र, पाहंदा (अ), दुर्ग और इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) के संयुक्त तत्वावधान में 15 मई 2025 को एक दिवसीय कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में खरीफ पूर्व तैयारी, मृदा परीक्षण, संतुलित उर्वरक उपयोग, तथा पोषक तत्वों के महत्व जैसे विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. विजय जैन ने फसलों में संतुलित उर्वरक उपयोग और मृदा की उर्वरता बनाए रखने पर विस्तार से प्रकाश डाला।
वैज्ञानिक डॉ. ईश्वरी कुमार साहू ने भूमि की तैयारी और उर्वरक प्रबंधन की उपयोगी जानकारियाँ साझा कीं।
मृदा वैज्ञानिक डॉ. ललिता रामटेके ने मृदा परीक्षण, मृदा नमूना लेने की विधि, प्रमुख पोषक तत्वों और उनके प्रबंधन से जुड़ी जीवंत प्रशिक्षण गतिविधि का संचालन किया।

इंडियन पोटाश लिमिटेड के जनरल मैनेजर डॉ. यू.एन. सिंह ने पोटाश के महत्व पर प्रकाश डालते हुए एनपीके 16:16:16 जैसे पानी में घुलनशील उर्वरकों की उपयोगिता बताई। उन्होंने किसानों को मृदा परीक्षण के आधार पर अनुशंसित मात्रा में उर्वरक उपयोग करने की सलाह दी।
ग्राम फुंडा के प्रगतिशील कृषक डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि धान फसलों में एनपीके की 4:2:1 की अनुपात से उपयोग करना लाभकारी होता है। उन्होंने पोटाश को सबसे जल्दी उपलब्ध और अत्यंत महत्वपूर्ण पोषक तत्व बताया।
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्रीमती सोनल शर्मा ने किसानों को प्रमाणित बीजों के उपयोग और सही समय पर उचित मात्रा में उर्वरकों के प्रयोग की सलाह दी।
इस अवसर पर आईपीएल के रीजनल मैनेजर श्री सुनील कुमार सिंह, सिनियर एस.ओ. श्री ओ.पी. गिरी, सहायक संचालक कृषि श्री विकास साहू, कृषि विकास अधिकारी श्रीमती कुंती प्रसाद, ग्राम पाहंदा (अ) की सरपंच श्रीमती ईशरावती ठाकुर, और कृषि विज्ञान केंद्र के अन्य वैज्ञानिक—डॉ. विनय कुमार नायक, डॉ. आरती टिकरिहा, श्रीमती सृष्टि तिवारी, सुश्री हर्षना चंद्राकर उपस्थित रहे।
इस संगोष्ठी में दुर्ग जिले के विभिन्न गांवों से आए 122 से अधिक प्रगतिशील कृषकों ने भाग लिया और उन्नत कृषि तकनीकों से लाभान्वित हुए।
