नई दिल्ली, 9 मई 2025 — भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि देश की सीमाएं न केवल सुरक्षित हैं, बल्कि दुश्मन की किसी भी साजिश का मुंहतोड़ जवाब देने में पूरी तरह सक्षम हैं। बीते 48 घंटों में पाकिस्तान की ओर से हुए दो बड़े ड्रोन और मिसाइल हमलों को भारतीय वायु रक्षा ने नाकाम कर दिया। जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की गई, लेकिन भारत की ‘अभेद्य’ एयर डिफेंस वॉल के सामने सभी प्रयास विफल हो गए।
हमले की पहली लहर 7 मई की रात तब शुरू हुई, जब भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया था। जवाब में पाकिस्तान ने मिसाइल और तुर्की निर्मित ड्रोन दागे, लेकिन भारतीय रक्षा प्रणाली ने उन्हें हवा में ही खत्म कर दिया।

दूसरी लहर कुछ ही घंटों बाद शुरू हुई। पंजाब और राजस्थान की सीमावर्ती आबादियों में सायरन बज उठे और ब्लैकआउट घोषित कर दिया गया। बावजूद इसके, भारत की वायु सुरक्षा प्रणाली ने एक बार फिर अपनी दक्षता साबित की।
भारतीय वायुसेना ने इन हमलों के जवाब में इजरायल निर्मित ‘HARPY’ ड्रोन से पाकिस्तानी एयर डिफेंस को निष्क्रिय कर दिया। इसके साथ ही भारत की C-UAS (काउंटर-यूएएस) प्रणाली ने रेडार और रेडियो फ्रीक्वेंसी सेंसर के ज़रिए दुश्मन के ड्रोन और मिसाइलों को चिन्हित कर निष्क्रिय किया।
सुरक्षा कवच की प्रमुख परतों में S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम है, जो 600 किलोमीटर दूर से खतरे को ट्रैक कर 400 किलोमीटर के भीतर इंटरसेप्ट कर सकता है। इसके साथ SAMAR, आकाश, और Pechora जैसे सिस्टम भी काम में लिए गए।
आकाश मिसाइल प्रणाली, जो इजराइल की ‘आयरन डोम’ जैसी ही क्षमताएं रखती है, ने इस हमले के दौरान कई लक्ष्यों को एकसाथ सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया। यह प्रणाली दुश्मन के जैमिंग सिस्टम को भी विफल कर देती है।
इन सभी प्रणालियों ने मिलकर यह सुनिश्चित किया कि पाकिस्तान का कोई भी हमला अपने लक्ष्य तक न पहुंच पाए। इस रक्षा कवच के पीछे भारतीय वायुसेना के राफेल जैसे बहु-भूमिका वाले लड़ाकू विमान भी सतर्क थे।
यह हमला न सिर्फ भारत की सुरक्षा व्यवस्था की ताकत को साबित करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत अब केवल अपने आसमान की रक्षा नहीं करता — वह उसे नियंत्रित भी करता है।
