दमोह, 1 मई 2025: दमोह के मिशन अस्पताल में सात मरीजों की मौत के मामले में गिरफ्तार फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एनजॉन केम की जेल रिमांड खत्म होने के बाद उसे गुरुवार शाम न्यायालय में पेश किया गया। इस दौरान छत्तीसगढ़ के सरकंडा थाने की पुलिस भी अदालत पहुंची और आरोपी को अपनी कस्टडी में लेने के लिए आवेदन दिया। सीजीएम स्नेहा सिंह ने आवेदन स्वीकार करते हुए आरोपी डॉक्टर को चार दिन की रिमांड पर छत्तीसगढ़ पुलिस के हवाले कर दिया।
यह मामला और भी गंभीर तब हो गया जब यह सामने आया कि आरोपी डॉक्टर के खिलाफ छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सरकंडा थाने में भी एफआईआर दर्ज है, जो कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ला की मौत से जुड़ा है। बताया गया है कि शुक्ला की इलाज के दौरान मौत हुई थी, जिसमें डॉक्टर की संलिप्तता की जांच की जा रही है।

अदालत में दो बड़ी कार्यवाहियां हुईं:
- आरोपी डॉक्टर ने अपने पूर्व अधिवक्ता की फीस और अन्य जरूरी खर्चों के लिए लीगल एडवाइजर मनीष नगाइच को एक लाख रुपये का चेक दिया।
- न्यायाधीश द्वारा पूछे जाने पर डॉक्टर ने कहा कि उन्हें कई भुगतानों की जरूरत है और वे अधिवक्ता मनीष पर भरोसा करते हैं।
डॉक्टर ने यह भी बताया कि उसके सभी बैंक ट्रांजैक्शन बंद हैं और वह खुद से अधिवक्ता की फीस नहीं दे सकता, इसलिए सरकारी अधिवक्ता उपलब्ध कराया जाए।
सीएसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस आरोपी को रिमांड पर लेकर गई है और अब बिलासपुर न्यायालय यह तय करेगा कि उसकी रिमांड बढ़ेगी या वह फिर से दमोह जेल भेजा जाएगा।
पूरे मामले को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस अब तक चुप्पी साधे हुए है। लेकिन एक के बाद एक खुलासों से यह मामला अब कई राज्यों तक फैले मेडिकल धोखाधड़ी के संगीन जाल में तब्दील होता दिख रहा है।
