बिलासपुर (छत्तीसगढ़)। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के सात प्रोफेसरों और एक छात्र के खिलाफ शनिवार को धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) शिविर के दौरान 155 छात्रों को बिना उनकी सहमति के ईद पर नमाज अदा करने के लिए मजबूर किया गया।
यह घटना 26 मार्च से 1 अप्रैल तक शिवतराई गांव में आयोजित एक सप्ताह के एनएसएस कैंप के दौरान 31 मार्च को हुई। कुछ छात्रों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, उन्हें उनकी सहमति के बिना स्कूल ग्राउंड पर नमाज पढ़ने के लिए बाध्य किया गया।

कोटा थाना क्षेत्र के एक अधिकारी ने बताया, “कैंप के दौरान छात्र विभिन्न गतिविधियाँ करते हैं, जैसे योगा आदि। ईद के दिन कुछ मुस्लिम छात्र नमाज अदा कर रहे थे। आरोप है कि बाकी छात्रों को भी बिना उनकी अनुमति के नमाज में शामिल होने के लिए कहा गया।”
शिकायतकर्ताओं ने कुछ दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों के साथ मिलकर पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद सात प्रोफेसरों, जिनमें एनएसएस समन्वयक भी शामिल हैं, और एक छात्र पर मामला दर्ज किया गया।
कोटा थाना प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि, “एफआईआर पहले कोनी थाने में दर्ज की गई थी, लेकिन घटना कोटा क्षेत्र में होने के कारण मामले को कोटा थाने में स्थानांतरित कर दिया गया है। जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।”
प्रोफेसरों और छात्र के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 196(बी) (समूहों के बीच वैमनस्य फैलाना), 197(1)(बी)(सी) (राष्ट्रीय एकता के खिलाफ टिप्पणी), 299 (धर्म विशेष की भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए जानबूझकर किया गया कार्य), 302 (किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर ठेस पहुँचाने के उद्देश्य से शब्द आदि बोलना) और 190 (गैरकानूनी सभा) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस बीच, विश्वविद्यालय के मीडिया सेल प्रभारी प्रोफेसर एम.एन. त्रिपाठी ने कहा, “हमें अभी तक एफआईआर की आधिकारिक प्रति नहीं मिली है। हमने मीडिया के माध्यम से इस मामले की जानकारी प्राप्त की है। हम पुलिस की आधिकारिक सूचना मिलने के बाद ही प्रतिक्रिया देंगे।”
