छत्तीसगढ़ में गर्मी से पहले पेयजल संकट से निपटने की तैयारी, 15 दिवसीय विशेष अभियान चलेगा

रायपुर। गर्मी के मौसम में छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में पेयजल संकट की समस्या उत्पन्न हो जाती है। कहीं हैंडपंप खराब होते हैं, तो कहीं नलों की मरम्मत में देरी होती है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने 15 दिवसीय विशेष अभियान चलाने का फैसला किया है। इस अभियान के तहत प्रदेशभर में हैंडपंप और सार्वजनिक नलों की मरम्मत कराई जाएगी, जिससे नागरिकों को निर्बाध पेयजल उपलब्ध कराया जा सके।

सीएम साय का निर्देश – हर नागरिक तक पहुँचे सुरक्षित पेयजल

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि गर्मी के दिनों में प्रदेश के हर नागरिक तक स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंचाना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। इसके लिए सभी विभागों को समन्वय बनाकर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जल संकट से निपटने के लिए जल संरक्षण को लेकर भी ठोस और निर्णायक कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में राज्य किसी भी प्रकार की जल समस्या से सुरक्षित रह सके।

ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में जल संकट से निपटने की तैयारी

सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रीष्म ऋतु के दौरान प्रदेशभर में पेयजल की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएं। उन्होंने इसे राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता करार दिया और अधिकारियों से कहा कि जल संकट की किसी भी संभावना को गंभीरता से लेते हुए त्वरित और समन्वित कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास, नगरीय प्रशासन, ऊर्जा, वन एवं कृषि विभाग को परस्पर तालमेल के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने जल संरक्षण के प्रभावी उपायों जैसे रिचार्ज पिट, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग और सौर ऊर्जा आधारित पंपों को तेजी से बढ़ावा देने पर बल दिया।

हैंडपंप और सार्वजनिक नलों की तत्काल मरम्मत के आदेश

सीएम साय ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे कार्यालयों तक सीमित न रहते हुए फील्ड में जाकर स्वयं पेयजल संकट का आकलन करें और मौके पर ही समाधान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अगले 15 दिनों के भीतर प्रदेशभर में विशेष अभियान चलाकर सभी हैंडपंपों और सार्वजनिक नलों की मरम्मत कराई जाए।

मोबाइल वैन यूनिट्स रहेंगी तैनात

बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार ने इस कार्य के त्वरित निष्पादन के लिए विशेष मोबाइल वैन यूनिट्स की व्यवस्था की है। ये यूनिट्स अगले चार महीनों तक फील्ड में सक्रिय रहकर हैंडपंप और सार्वजनिक नलों की मरम्मत एवं रखरखाव का कार्य करेंगी।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भूजल के अनियंत्रित दोहन पर सख्त निगरानी रखी जाए और कम जल-खपत वाली फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जाए, ताकि जल संसाधनों का संतुलित उपयोग सुनिश्चित हो सके।

नागरिकों को मिलेगी राहत

इस विशेष अभियान से राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों में पेयजल संकट को कम करने में मदद मिलेगी। सरकार ने आम जनता से भी अपील की है कि वे जल संरक्षण को बढ़ावा दें और पानी की बर्बादी रोकने में सहयोग करें।

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