रायपुर, 24 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने ग्रीष्मकाल में प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक निर्बाध और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने को राज्य सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी बताया। उन्होंने अधिकारियों को फील्ड में जाकर पेयजल समस्याओं का मौके पर समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जल संसाधन विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि जल संकट से निपटने के लिए जल संरक्षण, रिचार्ज पिट, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग और सौर ऊर्जा आधारित पंपों को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने भूजल के अनियंत्रित दोहन पर सख्त निगरानी और कम जल-खपत वाली फसलों को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया।

15 दिवसीय विशेष पेयजल अभियान शुरू
मुख्यमंत्री श्री साय ने 15 दिनों के भीतर प्रदेशभर में विशेष अभियान चलाकर सभी हैंडपंपों और सार्वजनिक नलों की मरम्मत सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर मामूली तकनीकी समस्याओं के कारण पेयजल आपूर्ति बाधित होती है, जिसे समय पर ठीक कर नागरिकों को राहत दी जा सकती है।
राज्य सरकार ने इस कार्य के त्वरित निष्पादन हेतु मोबाइल वैन यूनिट्स की विशेष व्यवस्था की है, जो अगले चार महीनों तक पेयजल की मरम्मत और रखरखाव का कार्य प्राथमिकता से करेंगी।
सौर ऊर्जा आधारित पेयजल योजनाओं पर जोर
मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा आधारित पेयजल योजनाओं को ‘सेंसर आधारित स्वचालित प्रणाली’ से जोड़ने के निर्देश दिए, जिससे जल वितरण की निगरानी और स्मार्ट जल प्रबंधन संभव हो सके।
पंचायती राज संस्थाओं की भागीदारी अनिवार्य
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जल संरक्षण और प्रबंधन में ग्राम पंचायतों की भागीदारी अनिवार्य है। उन्होंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को निर्देश दिया कि ग्राम सभाओं में भूजल प्रबंधन और निस्तारी जल योजनाओं पर चर्चा सुनिश्चित की जाए।
बैठक में उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव, श्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
